टीएनपी डेस्क (TNPD DESK) : झारखंड पेसा कानून की दिशा में आगे बढ़ रहा है. ग्राम सभा को एक नई ताकत इस कानून के जरिए मिल जाएगी. सरकार की ओर से लगातार कैसे कानून को धरातल पर उतारा जाए. इसे लेकर काम किया जा रहा है. ऐसी कड़ी में रांची के रेडिसन ब्लू होटल में पंचायती राज्य विभाग की ओर से पेसा कानून को लेकर विचार गोष्टी कार्यशाला किया गया. इसमें विभिन्न सामाजिक और राजनीतिक दल से जुड़े लोग शामिल हुए सभी ने सुझाव राज्य सरकार को दिया है कि कैसे पेसा कानून झारखंड के आदिवासी मूलवासी का अधिकार बनेगा.
पेसा कानून को लेकर चर्चा है कि इस मौके पर पंचायती राज मंत्री दीपिका पांडे सिंह, कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की, परिवहन मंत्री दीपक बरूआ, शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन के अलावा कांग्रेस के प्रभारी के राजू राजू मौजूद रहें.
कार्यशाला के बाद मंत्री दीपिका पांडे सिंह ने कहा कि एक महत्वपूर्ण चर्चा हुई है, पेसा ड्राफ्ट 2024 को पब्लिक डोमेन में पहले ही रख दिया था, उस पर सभी सामाजिक संगठन के द्वारा फीडबैक लिया गया है. सभी का सुझाव लिया गया है, जिसे बिंदु पर समीक्षा करने के बाद पैसा के ड्राफ्ट में ऐड किया जाएगा इसके बाद आगे पेसा कानून को जल्द लागू किया जाएगा.
कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा कि पेसा कानून को लेकर भ्रम का माहौल बना हुआ था. कई लोग भ्रमित करके आग में घी डाल रहे थे, लेकिन हमारी सरकार जनता की सरकार है. आज उसी जनता के साथ और सामाजिक संगठन से जुड़े लोगों के साथ चर्चा कर सभी बिंदुओं पर गहन चिंतन किया गया है, पेसा कानून आदिवासियों को अधिकार देने वाला कानून है.
चर्चा में शामिल हुए सामाजिक संगठन से जुड़े लोगों ने बताया कि पेसा कानून को लेकर सरकार अच्छी पहल कर रही है. कार्यशाला में सरकार आम जनता के साथ सीधा संवाद हुआ है. 1996 में केंद्र सरकार के द्वारा पास होने के बाद अब तक ये कानून झारखंड में लागू नहीं हो सका था अब झारखंड को उसका अधिकार मिलेगा.
रिपोर्ट-समीर
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