टीएनपी डेस्क (TNP DESK)भारत के महान फुटबॉलर औऱ इंडियन पेले के नाम से पुकारे जाने वाले महान फुटबॉलर मोहम्मद हबीब का निधन हो गया. उनके जाने से खेल जगत में शोक की लहर है. झारखंड में भी उनके जाने से लोगों के चेहरे मायूस हैं. हबीब टाटा फुटबाल अकादमी के पूर्व कोच औऱ अर्जुन पुरस्कार विजेता थे. उनका निधन हैदराबाद में मंगलवार को अंतम सांस ली, उनकी उम्र 72 साल थी.
भारतीय टीम का किया प्रतिनिधित्व
मोहम्मद हबीब की दिवानागी फुटबॉल को लेकर बचपन से ही थी. आजादी के एक साल बाद यानि 1948 में आंध्र प्रदेश के हैदराबाद में जन्मे हबीब दुनिया के सबसे मशहूर खेल फुटबॉल के प्रति जुनून बचपन से ही था. उनकी मेहनत रंग लायी और भारतीय फुटबॉल टीम का प्रतिनिधित्व किया . उहोंने 1965-75 तक भारतीय टीम के लिए खेला. इस टीम ने 1970 में बैंकाक एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीता था. इसके बाद से ही भारतीय फुटबॉल टीम का काफी नाम हुआ था. हबीब ने कुआलालंपुर में 1967 में मर्डेका कप में थाईलैंड के खिलाफ पहला मौच खेला. इसके बाद उन्होंने कुल 35 इंटरनेशनल मैच में देश के लिए प्रतिनिधित्व किया . इस दौरान उन्होंने 11 गोल किए. इसके साथ ही क्लब फुटबॉल में भी उन्होंने जमकर अपना रुतबा जमाया. हबीब ने ईस्ट बंगाल क्लब के साथ 1966-68, 1970-74 और 1980-81 में खेला. वही मोहन बागान के लिए 1968-69, 1976-78, और1982-84 और मोहम्मडन स्पोर्टिंग क्लब की तरफ से 1975 और 1979 के लिए खेले. उनके निधन पर फुटबॉल क्लब जमशेपुर एफसी ने शोक जताया है.
जब पेले बन गये हबीब के मुरीद
मोहम्मद हबीब के खेल के दिवाने दुनिया के मशहूर फुटबॉलर पेले भी थे .1977 में एक फैंडली मैच में अपनी टीम मोहन बगान के लिए खेलते हुए पेले की टीम कासमॉस कल्ब के खिलाफ बेहतरीन खेल दिखाया और 1 गोल दागे . उस टीम में पेले, कार्लोस अलबर्टो, जार्जियो सी जैसे दिग्गज फुटबॉलर खेल रहे थे. बारिश से भीगा यह मैच यादगार था, हबीब के गोल चलते यह मैच 2-2 से ड्रा रहा था. उनके शानदार खेल पर पेले ने भी जमकर तारीफ की थी. कई लोग उन्हें 'इंडियन पेले' भी कहते थे. हबीब को देश का 'पहला पेशेवर फुटबाल खिलाड़ी' भी माना जाता है
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