टीएनपी डेस्क(TNP DESK): दुनिया भर में आज सभी के लिए सबसे बड़ी चुनौती फेक न्यूज बन गई है. ये फेक न्यूज समाज और दुनिया के लिए किसी सरदर्द से कम नहीं हैं. गलत जानकारियों की वजह से आये दिन देश-दुनिया में कई भयावह घटनाएं घट रही हैं. और इन गलत जानकारियों के लिए सोशल मीडिया सबसे बड़ा जरिया बन कर सामने आया है.
ये समस्या इतना बड़ा हो चुका है कि दुनिया भर के फैक्ट चेकिंग संस्थान फेक जानकारियों का पर्दाफाश करने के लिए जी-जान से जुटे हुए हैं. मगर पूरी तरह से सफल नहीं हो पा रहे हैं. इसी कड़ी में फैक्ट चेकिंग संस्थानों ने यूट्यूब को खुला पत्र लिखकर फेक न्यूज से लड़ने की मुहिम में साथ आकर काम करने की अपील की है. फैक्ट चेकर्स द्वारा यूट्यूब YouTube को लिखे गए पत्र में फेक न्यूज के बारे में यूट्यूब की नीतियों पर सवाल खड़ा किया गया हैं.
यूट्यूब के सीईओ सुसान वोजिस्की को लिखा खुला पत्र
फैक्ट चेकर्स ने यूट्यूब के सीईओ सुसान वोजिस्की को पत्र लिखकर कहा है कि हम इसकी निगरानी करते हैं कि किस प्रकार ऑनलाइन फेक न्यूज फैलता है. देखा जा रहा है कि YouTube दुनियाभर में ऑनलाइन दुष्प्रचार और गलत जानकारी के प्रमुख माध्यमों में से एक बन चुका है. यह हमारे वैश्विक फैक्ट चेकिंग समुदाय के लिए गंभीर चिंता का विषय है.
यूट्यूब की नीतियों पर उठाए सवाल
हमें नहीं लगता कि YouTube ऐसी किसी भी नीतियों को लागू करने का प्रयास कर रहा है जो इन समस्याओं का समाधान करती हों. इसके उलट, YouTube अपने प्लेटफॉर्म पर मौजूद ऐसे अनैतिक समूहों को ना सिर्फ संगठित होने और फण्ड जमा करने का अवसर दे रहा है, बल्कि दूसरे यूजर्स को भ्रमित करने तथा उनके शोषण की अनुमति भी दे रहा है. इस संबंध में प्लेटफॉर्म द्वारा अपनाए गए मौजूदा उपाय अपर्याप्त और अप्रभावी साबित हो रहे हैं. इसीलिए फैक्ट चेकर्स ने यूट्यूब से मांग की है कि दुष्प्रचार और गलत जानकारी के खिलाफ यूट्यूब कारगर कार्रवाई करें, और यूट्यूब ये कार्रवाई दुनिया के स्वतंत्र और निष्पक्ष फैक्ट-चेकिंग संगठनों के साथ मिलकर करें.
फैक्ट चेकर्स संगठनों ने YouTube को कुछ उपाये भी बताए हैं जो दुष्प्रचार और गलत जानकारी के प्रसार को काफी हद तक कम करने में अत्यधिक कारगर साबित होंगे..
- YouTube को विभिन्न दुष्प्रचार अभियानों और प्रापागैन्डा के जड़, उनकी पहुंच और उसके प्रभाव को लेकर स्वतंत्र शोध और गलत जानकारी का पर्दाफाश करने के सबसे प्रभावशील तरीकों का समर्थन करना चाहिए. साथ ही उसे दुष्प्रचार और गलत जानकारी के संबंध में अपनी संपूर्ण मॉडरेशन नीति का प्रकाशन करना चाहिए, इसके साथ ही इसे AI (आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस) के प्रयोग और इसे संचालित करने वाले डेटा के बारे में भी बताना चाहिए.
- कानूनी नीयमों के पालन के लिए कंटेंट को हटाने के अलावा, YouTube का फोकस किसी गलत जानकारी को लेकर उसकी सही जानकारी प्रदान करने पर होना चाहिए, जो कि वीडियो पर स्पष्ट रूप से सुपरइंपोज्ड या अतिरिक्त वीडियो कंटेंट के रूप में हो सकता हैं. ऐसा सिर्फ ज़िम्मेदारी लेते हुए सार्थक और संरचनात्मक सहयोग के माध्यम से और दुनियाभर के उन स्वतंत्र फैक्ट-चेकिंग प्रयासों में निवेश करने से ही आ सकता है, जो इन समस्याओं को हल करने के लिए काम रहे हैं.
- ऐसे क्रिएटर्स जो लगातार ऐसा कंटेंट बनाते हैं जो कि दुष्प्रचार और गलत जानकारी के रूप में चिह्नित किया जा चुका है. ऐसे कंटेंट क्रिएटर्स को ऐल्गरिदम में सुधार कर उनपर हमेशा के लिए कार्रवाई करनी चाहिए.
- यूट्यूब को अंग्रेजी के अलावा अन्य भाषाओं में भी दुष्प्रचार और गलत जानकारी के खिलाफ मौजूदा और संभावी प्रयासों को विस्तार में बताने की जरूरत है. प्लेटफॉर्म को हर देश और भाषा के आधार पर डेटा के साथ-साथ ऐसी ट्रांसक्रिप्शन सेवाएं उपलब्ध कराना चाहिए जो किसी भी भाषा में काम करें.
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