बिहार (BIHAR) के मधेपुरा कोरोना वैक्सीन का 12 डोज लेकर सुर्खियों में आने के बाद स्वास्थ्य विभाग की ओर से धोखाधड़ी के केस में फंसे ब्रह्मदेव मंडल को मंगलवार की सुबह मधेपुरा पुलिस से बड़ी राहत दी गयी है. बता दें कि 84 वर्षीय बुजुर्ग ब्रह्मदेव मंडल को थाने से ही बेल मिल गयी है. उन्होंने पुलिस द्वारा सीआरपीसी की धारा 41 का लाभ देते हुए थाना से ही बेल दे दिया गया है. इस संबंध में बताया जाता है कि वरीय अधिकारीयों के निर्देशन में उन्हें थाना द्वारा हाजिर होने का नोटिस दिया गया था. जिसके बाद वे मंगलवार को थाना आए और केस के आईओ उदय तिर्की द्वारा विहित प्रक्रिया को पूरा करते हुए धारा 41 का लाभ देते हुए थाना से ही बेल दे दिया गया.
मामले में राजनीति
बता दें कि ब्रह्मदेव मंडल द्वारा कोरोना वेक्सिन के 12 डोज लेने की खबर के बाद से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया था. स्वास्थ्य विभाग द्वारा आननफानन में पुरैनी पीएचसी प्रभारी से 8 जनवरी को धारा 419 / 420 और 188 के तहत मामला दर्ज करवाया गया था. इसके बाद पुलिस ब्रह्मदेव मंडल की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी भी कि थी. इस मामले पर कई राजनेताओं ने अपनी राजनीतिक रोटी भी सेकी. वहीं मधेपुरा सदर राजद विधायक प्रो. चंद्रशेखर ने एसपी को पत्र लिख कर ब्रह्मदेव मंडल की गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग की थी. अपने पत्र में विधायक ने कई सवाल भी उठाए थे. बाद में जन अधिकार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और मधेपुरा से पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने भी सरकार और सिस्टम को इस मामले में कटघरे में खरा किया था. पप्पू यादव ने कहा था कि अपनी गलती को छुपाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने ब्रह्मदेव के ऊपर केस किया है. जो बर्दाश्त करने लायक नहीं है. थाने से बेल मिलने पर एसपी राजेश कुमार ने बताया उनके द्वारा बताया गया कि कोरोना टीका के डोज से उन्हें काफी लाभ हुआ इसलिए उन्होंने इतनी बार टीका लिया. हालांकि चुकी वे उम्रदराज व्यक्ति थे इस लिए उन्हें सीआरपीसी की धारा 41 का लाभ दिया गया. पुलिस समय समय पर उनसे जांच में सहयोग लेगी साथ ही अन्य लोगों की भूमिका की भी जांच की जाएगी.
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