धनबाद (DHANBAD) - कोयलांचल में धर्म परिवर्तन और उसको लेकर सामाजिक बहिष्कार का एक मामला सामने आया है. मामला सिंदरी विधानसभा के बलियापुर स्थित शवालापुर का है. आलम यह है कि पीड़ित परिवार तीन दिनों से कड़कड़ाती ठंड में जंगल में खुले आसमान के नीचे छोटे-छोटे बच्चों के साथ रहने को विवश है. न साथ में कोई कपड़ा, न खाने का सामान. रूह कंपा देने वाली इस घटना के बारे में आइए जानें कि क्या है मामला....

क्या है मामला

इस कड़ाके की ठंड में  घर में रजाई कंबल के नीचे सोए बच्चे को माता-पिता बार-बार टटोलते हैं कि कहीं ठंड तो नहीं लग रही. वहीं शवालापुर का सहदेव टुड्डू  एक पिता और परिवार के मुखिया के तौर पर इतना विवश है कि जंगल में खुले आसमान के नीचे पत्नी और दो छोटे बच्चों के साथ रह रहा. घर बार सब कुछ एक फरमान के तहत इन्हें छोड़ना पड़ा. इनका कसूर यह है कि इस परिवार ने संथाल धर्म को छोड़कर इसाई धर्म को अपनाया है. इसको लेकर संथाल धर्म के मठाधीशों में खलबली मच गई. ग्रामीणों ने आपातकालीन बैठक बुलाकर फरमान जारी कर इस परिवार को उनके ही घर से बेघर कर दिया. साथ ही समाज में उनका हुक्का पानी तक बंद कर दिया. बता दें कि रविवार को देर रात ग्रामीणों ने इस परिवार को घर से बेघर कर दिया. तब से यह परिवार पास के ही जंगल में रह रहे हैं. बुधवार की सुबह इस परिवार ने बलियापुर थाना में लिखित शिकायत देकर न्याय की गुहार लगाई है.

निवाला तक छीन लिया

पीड़ित परिवार के सहदेव टुड्डू का कहना है कि गांव के लोगों ने उनके परिवार को अपने ही घर से बेघर कर दिया. उनके सामान तक तो उनके साथ ले जाने नहीं दिया. और न ही उनको घर में बना खाना खाने दिया. उनका ये भी कहना है कि गांव वालों ने उनका जीना दुश्वार कर दिया है. ऐसी नौबत है कि वे लोग बच्चों समेत जंगल में रहने को मजबूर हैं. पूरी रात पेड़ के नीचे गुजार रहे. खाने को एक निवाला तक नहीं. बच्चों के साथ यह विवशता कैसी होगी, इसका सहज अंदाज लगाया जा सकता है.