टीएनपी डेस्क (TNP DESK) : केंद्र और कई राज्यों के बीच फिर से खींचतान होने के आसार नजर आ रहे हैं. ऐसा इसलिए हो सकता है क्योंकि केंद्र ने आईएएस अधिकारियों की केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर अधिक नियंत्रण रखने के लिए आईएएस (कैडर) नियमों में संशोधन का प्रस्ताव लाया है. बता दें कि आईएएस अधिकारियों की केंद्रीय प्रतिनियुक्ति अक्सर केंद्र और राज्यों के बीच खींचतान के केंद्र में रही है.
क्या हैं प्रस्तावित संशोधन?
यह प्रस्तावित संशोधन केंद्र को अधिक अधिकार देगा. इस संशोधन के बाद केंद्र सरकार राज्य सरकार की सहमति के बिना भी एक राज्य में तैनात भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस), भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) और भारतीय वन सेवा (आईएफओएस) अधिकारी की सेवाएं ले सकती है. यदि राज्य सरकार निर्धारित समय के भीतर केंद्र सरकार के निर्णय को लागू नहीं करती है तो केंद्र एक अधिकारी को उनके कैडर से मुक्त कर सकेगा. किसी भी असहमति के मामले में, मामले का निर्णय केंद्र सरकार द्वारा किया जाएगा और संबंधित राज्य सरकार या राज्य सरकारें केंद्र सरकार के निर्णय को एक निर्धारित समय के भीतर लागू करेंगी. साथ ही किसी भी विशिष्ट डोमेन विशेषज्ञता वाले आईएएस अधिकारी की सेवाओं को किसी महत्वपूर्ण समयबद्ध फ्लैगशिप कार्यक्रम या परियोजना के लिए कभी भी ली जा सकती है.
इन संशोधनों की क्या आवश्यकता थी?
विभिन्न राज्य या जॉइन्ट कैडर केंद्रीय प्रतिनियुक्ति रिजर्व में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के लिए पर्याप्त संख्या में अधिकारियों को प्रायोजित नहीं कर रहे हैं. इसके कारण केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के लिए उपलब्ध अधिकारियों की संख्या केंद्र में आवश्यकता को पूरा करने के लिए काफी नहीं है.
कितने अधिकारी प्रतिनियुक्ति के तहत काम कर रहे हैं?
2021 में केंद्र सरकार के साथ केवल 10% मिड लेवल के आईएएस अधिकारी तैनात थे, जो 2014 की तुलना में 19% से ज्यादा की भारी गिरावट थी. IAS अधिकारियों की केंद्रीय प्रतिनियुक्ति में कमी और भी अधिक हो जाती है क्योंकि इस दौरान ऐसे अधिकारियों का कुल पूल 2014 में 621 से बढ़कर 2021 में 1130 हो गया, जो लगभग 80% की बढ़ोतरी है. कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) के पास उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, आईएएस अधिकारियों के केंद्रीय प्रतिनियुक्ति रिजर्व की संख्या 2011 में 309 से घटकर 223 हो गई है. जिससे केंद्र सरकार में अधिकारियों की कमी देखने मिल रही है.
प्रतिनियुक्ति पर वर्तमान नियम क्या है?
भारतीय प्रशासनिक सेवा में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति आईएएस (कैडर) नियम-1954 के नियम -6 (1) के तहत आती है, जिसे मई 1969 में शामिल किया गया था. एक कैडर अधिकारी, संबंधित राज्य सरकारों और केंद्र सरकार की सहमति से, केंद्र सरकार या किसी अन्य राज्य सरकार के अधीन या किसी कंपनी, संघ या व्यक्तियों के निकाय के अधीन सेवा के लिए प्रतिनियुक्त किया जा सकता है, चाहे वह इन्कॉर्परैटेड हो या नहीं, जो पूर्णतः या केंद्र सरकार या किसी अन्य राज्य सरकार द्वारा पर्याप्त रूप से स्वामित्व या नियंत्रित होगा. पुराने नियम में किसी भी समय सीमा का कोई उल्लेख नहीं है. केंद्र अगर किसी अधिकारी की प्रतिनियुक्ति करना चाहता तो राज्य सरकर कितने ही समय के लिए उसे टाल या रोक सकती है.
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