टीएनपी डेस्क (TNP DESK) : बात मुलाकात की हो या इजहार की, इश्क में सदियों से फूलों की अपनी अहमियत रही है. वेलेंटाइन डे की तो शुरुआत ही गुलाब यानि रोज डे से होती है. साथी को गुलाब देने के साथ दिल की बातें कहते गर कुछ हिचक होती तो आइए हम आपकी परेशानी थोड़ा आसान करते हैं. शायर के खूबसूरत शब्दों के जरिए कहिए अपनी बातें. शायरी के उपवन से हमने चुनी आपके लिए गुलाब से जुड़ी कुछ महकते शब्द….
- गुलाब हाथ में हो आँख में सितारा हो/ कोई वजूद मोहब्बत का इस्तिआ'रा हो-परवीन शाकिर
- हसीन होते हैं दिन ख्वाब से लपेटे हुए/गुलाब करती हैं रातें महक मोहब्बत की – नाज बट
- मैं चाहता था कि उस को गुलाब पेश करूं/ वो ख़ुद गुलाब था उस को गुलाब क्या देता - अफ़ज़ल इलाहाबादी
- आज ख़ुशबू भरे गुलाबों से/ मेरे दामन को भर गया कोई - सय्यदा नफ़ीस बानो शम्अ
- गुलों में रंग भरे बाद-ए-नौ-बहार चले/ चले भी आओ कि गुलशन का कारोबार चले- फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
- सुनो कि अब हम गुलाब देंगे, गुलाब लेंगे/मोहब्बतों में कोई खसारा नहीं चलेगा- जावेद अनवर
- भरी बहार में इक शाख पर खिला है गुलाब/ कि जैसे तू ने हथेली पे गाल रक्खा है-अहमद फराज
- दो गुलाब के फूल छू गए जब से होठ उपावन मेरे/ऐसी गंध बसी है मन में सारा जग मधुबन लगता है. -गोपालदास नीरज
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