जमशेदपुर (JAMSHEDPUR) - स्वर कोकिला लता जी अब हमारे बीच नहीं रहीं. लेकिन उनके द्वारा गए वो खूबसूरत गीत आज भी अमर हैं और हमेशा ही रहेगा. यही कारण है कि उनके निधन के बाद देश के हर गली हर घर में लता दीदी के ही गाने सुने और गुनगुनाये जा रहे हैं. उनके निधन से हिंदी फिल्म जगत को अपूर्णीय क्षति पहुंची है. इसके साथ ही कितने उभरते singers के ऊपर से उनकी आइकॉन रही लता जी का साया उठ गया है. बूढ़े हो या बच्चे सभी उनके निधन के बाद से लगातार उनके गाये गीत सुन उन्हें नम आखों से याद कर रहे हैं. ऐसे में हर जगह लोग अपने अपने तरीके से उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं.
लता जी के निधन पर मायूस fans
लता जी के कुछ ऐसे ही फैन जमशेदपुर के रहने वाले हैं जो अनोखे तरीके से उन्हें याद कर उनको विनम्र श्रद्धांजलि दे रहे हैं. एक महिला पेंटिंग artist जो अपनी कला के ज़रिए लता जी को श्रद्धांजलि दे रही हैं. दूसरे एक रिक्शा चालक हैं जिनके पास आज भी लता दीदी के 50,000 कैसेट हैं, जिनको वो आज भी बजा कर लता दी के गाने सुनते हैं. वो लता दीदी को कुछ इस तरह याद कर उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं. जमशेदपुर के रिक्शा चालक लक्ष्मण महतो खुद को लता जी का सबसे बड़ा फैन मानते हैं और लता जी को कोयल के नाम से पुकारते हैं. वह दीदी के निधन पर काफी मायूस हैं . लता जी के ये फैन आज भी लता जी की आवाज को अपने रिक्शा में बजा कर उन्हें याद करते हैं. ये केवल लता जी ही नहीं बल्कि उनके पिता से लेकर उनके पूरे परिवार की जानकारी रखते हैं. अपनी लता दीदी के निधन से ये काफी मायूस हैं और उनके निधन की खबर सुनने के बाद से ही न उन्होंने खाना खाया है और न ही वो जमशेदपुर की गलियों में अब रिक्शा चलते दिखाई दे रहे हैं.
अलविदा लता जी
लता दीदी के निधन से पूरे देश में शोक की लहर छा गयी है, लता मंगेशकर न केवल एक सितारा थी बल्कि उन्होंने अपनी निजी ज़िन्दगी में अनगिनत अनमोल रिश्ते बनाये थे, जिसके कारण लोग उनको बहुत पसंद और प्यार करते थे. हालांकि भारतरत्न लता जी की खूबसूरत आवाज़ हम कभी नहीं सुन पाएंगे लेकिन उनके गाये गीत और उनकी चंचल आवाज़ हमारे बीच हमेशा रहेगी.
रिपोर्ट : अन्नी अमृता/रंजीत ओझा, जमशेदपुर
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