टीएनपी डेस्क (TNP DESK) : यूक्रेन को लेकर अमेरिका और रूस अब आमने-सामने आ चुके हैं. एक तरफ जहां रूस ने यूक्रेन के दो हिस्से को आजाद घोषित कर दिया है तो इससे गुस्साये  अमेरिका ने रूस पर कई कड़े प्रतिबंध लगा दिए हैं. वहीं खबर है कि रूस के सैन्य ट्रकों को यूक्रेन की ओर मार्च करते हुए देखा गया है. इसके बाद अमेरिका ने भी अपनी सेना को NATO Baltic देशों की सुरक्षा के लिए भेजने का एलान किया है. यह एलान अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने किया.  

रूस के साथ यूरोपीय देशों का बदलता रिश्ता विवाद की जड़

इस पूरे मामले पर भारत तटस्थ बना हुआ है. UN की इमरजेंसी बैठक में भारत ने कहा कि इस पूरे विवाद का समाधान शांतिपूर्ण तरीके से बातचीत कर निकाला जाना चाहिए. इस मामले पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने फ्रांस में कहा कि यूक्रेन और रूस के बीच जारी तनाव की जड़ें सोवियत के बाद की राजनीति में है. इसके साथ ही NATO के विस्तार और यूरोपीय देशों के साथ रूस के बदलते रिश्ते भी इस विवाद की जड़ हो सकता है. उन्होंने कहा कि ये पिछले 30 सालों में बने जटिल परिस्थितियों का नतीजा है. विदेश मंत्री ने ये बातें फ्रांस के समाचार पत्र ले फिगारो को दिए गए अपने इंटरव्यू में कहा है. उन्होंने कहा कि भारत, फ्रांस की तरह ही इस समस्या के कुटिनीतिक समाधान की मांग कर रहा है.  

कई देशों ने लगाए रूस पर प्रतिबंध

अमेरिका के साथ ही ब्रिटेन, जापान और ऑस्ट्रेलिया ने भी रूस पर प्रतिबंध लगाया है. अमेरिका ने पश्चिमी देशों से रूस को मिलने वाले आर्थिक सहयोग पर रोक लगाई है. इसके तहत रूस के दो बड़े वित्तीय संस्थानों VEB और सैन्य बैंक पर प्रतिबंध लगाया है. ब्रिटेन ने भी रूस के पांच बैंकों और तीन अरबपतियों के खिलाफ पाबंदियों की घोषणा की है. जापान और ऑस्ट्रेलिया ने भी रूस पर कई प्रतिबंध लगाए हैं.