टीएनपी डेस्क (TNP DESK) : रक्षा मंत्रालय ने बीते दिन सैन्य आधुनिकीकरण परियोजनाओं को प्रारंभिक मंजूरी दे दी है, जिसमें जीसैट -7 बी उपग्रह, हल्के वाहन और सेना के लिए नाइट-विजन डिवाइस शामिल हैं, जिनकी कीमत 8,357 करोड़ रुपए हैं. राजनाथ सिंह की अगुवाई वाली रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) ने 'BUY (भारतीय आईडीडीएम)' श्रेणी के तहत सभी प्रस्तावों को स्वीकृति दी, जो स्वदेशी डिजाइन, विकास और हथियार प्रणालियों और प्लेटफार्मों के निर्माण पर केंद्रित है.

प्रस्ताव में ये सारी चीजें शामिल

जिन प्रस्तावों को स्वीकृति दी गई उनमें 1,400 करोड़ रुपये की लागत से असॉल्ट राइफलों के लिए लगभग 30,000 नाइट-विज़न या इमेज इंटेंसिफायर की खरीद, 760 करोड़ रुपए में 5,000 जीएस 4X4 हल्के वाहन और कुछ हल्के वायु रक्षा अग्नि नियंत्रण रडार शामिल थे. सेना के लिए जीसैट-7बी उपग्रह पर करीब 4,600 करोड़ रुपये खर्च होंगे. पिछले साल नवंबर में, DAC ने IAF के लिए GSAT-7C उपग्रह को लॉन्च करने के लिए 2,236 करोड़ रुपये के प्रस्ताव को भी प्रारंभिक मंजूरी दी थी, जिसमें पहले से ही GSAT-7A चालू है. बदले में, नौसेना के पास कई वर्षों से GSAT-7 या रुक्मिणी है.

इनोवेशन को प्रोत्साहित करने के लिए 380 करोड़ रुपये

डीएसी की बैठक के बाद, एक अधिकारी ने कहा कि इन उपकरणों और प्रणालियों के अधिग्रहण से बेहतर दृश्यता, बेहतर गतिशीलता, बेहतर संचार और दुश्मन के विमानों का पता लगाने की क्षमता में वृद्धि करके सशस्त्र बलों की परिचालन तैयारियों में वृद्धि होगी. DAC ने इनोवेशन को प्रोत्साहित करने के लिए iDEX (इनोवैशन फॉर डिफेन्स एक्सीलेंस) स्टार्ट-अप और MSMEs से 380 करोड़ रुपये की 14 वस्तुओं की खरीद के लिए अलग से एक कंसोलिडेटेड AoN प्रदान किया.

स्वदेशीकरण की गति में लाई जाएगी तेजी

डीएसी ने स्वदेशीकरण की गति में तेजी लाने, रक्षा में आत्मनिर्भरता हासिल करने और रक्षा उद्योग के लिए व्यापार करने में आसानी की सुविधा के लिए रक्षा अधिग्रहण प्रक्रिया-2020 में कुछ नीतिगत पहलों को मंजूरी दी है. अधिकारी ने कहा कि रक्षा बलों की सभी आधुनिकीकरण आवश्यकताओं को स्वदेशी रूप से प्राप्त किया जाएगा और आयात का सहारा अपवाद के रूप में खास स्थिति में लिया जाएगा.