टीएनपी डेस्क (TNP DESK) : पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के रामपुरहाट में हिंसा भड़कने से 10 लोगों की मौत के बाद बंगाल में राजनैतिक माहौल गरम हो गया है. बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी ने ममता बनर्जी की सरकार कानून व्यवस्था के मुद्दे पर आड़े हाथ लिया है. हिंसा भड़कने के बाद भारतीय जनता पार्टी के नेता शुभेंदु अधिकारी ने पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की सलाह केंद्र सरकार को दी. वहीं गृह मंत्रालय ने इस पूरे मामले में राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी है.
दोषियों को किसी सूरत में नहीं बख्शा जाएगा : ममता बनर्जी
मामले की गंभीरता को देखते हुए राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि रामपुरहाट की घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने कहा कि इस घटना में शामिल किसी भी दोषी को किसी भी सूरत में नहीं बख्शा जाएगा. विपक्षी दलों द्वारा लगातार बयानबाजी पर ममता बनर्जी ने कहा कि उनकी सरकार को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने आगे कहा कि ये उत्तर प्रदेश नहीं हैं, जहां कोई घटनास्थल पर नहीं जा सकेगा. उन्होंने कहा कि जो कोई भी चाहे घटनास्थल पर जा सकता है. माना जा रहा है कि ममता बनर्जी खुद भी घटनास्थल का दौरा कर सकती हैं.
देशद्रोही ताकतों ने बंगाल की संवैधानिक व्यवस्था को बना लिया है बंधक : मुख्तार अब्बास नकवी
इससे पहले भाजपा के वरिष्ठ नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने ममता बनर्जी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल की संवैधानिक व्यवस्था को गुंडे-मवालियों और देशद्रोही ताकतों ने बंधक बना लिया है. उन्होंने कहा कि जिस तरह से यह लोग पश्चिम बंगाल में आम लोगों का खून बहा रहे हैं, उससे यह साबित है कि वहां की सरकार ऐसे लोगों के सामने असहाय हो चुकी है.
जांच के लिए किया गया SIT का गठन
हिंसा की जांच के लिए अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (सीआईडी) ज्ञानवंत सिंह की अध्यक्षता में एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है. इससे पहले राज्य फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (एसएफएसएल) और एसआईटी की एक टीम ने रामपुराहट पहुंच कर जांच शुरू कर दी है. जानकारी के मुताबिक, अब तक हिंसा की जांच में 22 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. गिरफ्तार लोगों से पूछताछ की जा रही है और घटना में शामिल लोगों का पता लगाया जा रहा है.
मामला क्या है?
मामला बीती रात का है. जहां रामपुरहाट एक नंबर प्रखंड में बदमाशों द्वारा बम विस्फोट और आगजनी की घटना में तृणमूल नेता और उप प्रधान भादू शेख की मौत हो गई थी. उनकी हत्या बागतुई गांव में उनके घर के पास ही कर दी गई. इसके बाद आक्रोशित लोगों ने बागतूई गांव में 10-12 घरों में आग लगा दी गई. इसमें 8 लोगों की मौत हो गई. तृणमूल नेता की हत्या के बाद बदला लेने के उद्देश्य से 10-12 घरों में आग लगाई गई थी. इसमें 8 लोग जिंदा जल गए.
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