टीएनपी डेस्क(TNP DESK): एएमयू में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को अब आदिवासियों की कहानी पढ़ाई जाएगी. 2022 के नए शैक्षणिक सत्र में हिंदी के पाठ्यक्रम में इन कहानियों को शामिल करने का निर्णय लिया गया है. इस बदलते ज़माने में विद्यार्थियों को आदिवासियों के इतिहास व भूगोल से अवगत करवाने का लक्ष्य रखा गया है. जंगल में रहने वाले आदिवासी समाज के संघर्ष की कई कहानियों को पाठ्यक्रम में शामिल किया .

एएमयू के पाठ्यक्रम में लगातार हो रहा है बदलाव 

दुनिया के हर इतिहास और भूगोल से अपने छात्रों को अवगत कराने के लिए एएमयू ने कई कक्षाओं के पाठ्यक्रम में पिछले कई वर्षों से बदलाव करते आ रहा है. इसमें सबसे महत्वपूर्ण बदलाव स्नातक के पाठ्यक्रम में किए गए हैं. पिछले कई वर्षों से देश भर में बड़ी तादाद में रहने वाले आदिवासियों से जुड़ी जानकारी हिंदी के पाठ्यक्रम में शामिल नहीं थी. लेकिन अब जंगल में रहने वाले इस समाज के नियम कायदे और उनके लंबे संघर्ष के कहानियां शामिल होंगी. आजादी से लेकर आज तक अपने अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहे आदिवासी समाज के कहानियां छात्रों के लिए जानकारी परख होने के साथ प्रेरणादायक भी होगी.

एएमयू के साथ ही अन्य विभागों के पाठ्यक्रम में भी बदलाव. विश्वविद्यालय के कई विभागों में पाठ्यक्रम बदलाव की तैयारी चल रही है. इसे लेकर तैयारियां तेज कर दी गई है. पिछले 2 वर्ष कोरोना के कारण इस पर काम नहीं हो सका. हालांकि, सिलेबस में बदलाव का निर्णय पहले ही लिया जा चुका है.

रिपोर्ट: किक्की सिंह