टीएनपी डेस्क (TNP DESK): डॉ अर्चना शर्मा आत्महत्या मामले में दौसा पुलिस ने बीजेपी नेता और पूर्व विधायक जितेंद्र गोथवाल को हिरासत में लिया है. गोथवाल को दौसा पुलिस लालसोट ले गई है. गोथवाल कथित तौर पर डॉ अर्चना शर्मा के खिलाफ विरोध प्रदर्शन को अंजाम देने में शामिल थे, जिसके बाद उन्होंने आत्महत्या कर ली.

सुसाइड नोट में लिखी खुदखुशी की वजह

राजस्थान के दौसा जिले की डॉक्टर अर्चना शर्मा, जिन पर एक गर्भवती महिला की "हत्या" का मामला दर्ज किया गया था, उन्होंने मंगलवार को आत्महत्या कर ली. अपने सुसाइड नोट में उसने लोगों से अपील की कि "डॉक्टरों को परेशान करना बंद करो...". मैं अपने पति और बच्चों से बहुत प्यार करती हूं. कृपया मेरी मृत्यु के बाद उन्हें परेशान न करें. मैंने कोई गलती नहीं की, किसी को नहीं मारा. पीपीएच एक ज्ञात जटिलता है. इसके लिए डॉक्टरों को इतना परेशान करना बंद करो. मेरी मौत से मेरी बेगुनाही साबित होगी. कृपया, निर्दोष डॉक्टरों को परेशान मत करो. लव यू. मेरे बच्चों को अपनी माँ की अनुपस्थिति का एहसास न होने दें ”

डॉ शर्मा पर दर्ज था हत्या का मामला

डॉ शर्मा पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302 (हत्या) के तहत मामला दर्ज किया गया था, क्योंकि उनकी एक मरीज (एक गर्भवती महिला) की जटिलताओं के परिणामस्वरूप मृत्यु हो गई थी. महिला की मौत के बाद उसके परिजनों ने निजी अस्पताल पर लापरवाही का आरोप लगाया. अर्चना शर्मा पर आईपीसी की धारा 302 के तहत मामला दर्ज करने के लिए लालसोट पुलिस पर कथित तौर पर राजनीतिक दबाव डाला गया था. यही कारण रहा कि डॉक्टर शर्मा यह कदम उठाने को मजबूर हुई.

डॉ अर्चना शर्मा आत्महत्या मामले में बुधवार को दौसा के लालसोट थाना प्रभारी अंकित चौधरी को निलंबित कर दिया गया है.  राजस्थान सरकार ने मामले से निपटने के लिए विभाग के दौसा पुलिस अधीक्षक (एसपी) को हटाने का भी आदेश दिया.

 

रिपोर्ट: अशु शुक्ला, रांची