दिल्ली- रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध जारी है.युद्ध के भीषण परिणाम पूरी दुनिया देख रही है. इस बीच युद्ध विराम के लिए वैश्विक स्तर पर कुछ पहल हो रही है.भारत का रूस और यूक्रेन से दोस्ताना संबंध रहा है.
इसलिए रूस और यूक्रेन को भारत पर पूरा भरोसा है. रूस के साथ भारत के बहुत पुराने संबंध रहे हैं. कभी यूक्रेन भी रूस का हिस्सा हुआ करता था. रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव भारत पहुंचे. उन्होंने विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात की इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी उनकी मुलाकात हुई.सेर्गेई लावरोव ने युद्ध की परिस्थितियों के बारे में जानकारी दी.
रूस और यूक्रेन के बीच मध्य सत्ता की भूमिका भारत निभाने जा रहा है. रूसी विदेश मंत्री से मुलाकात के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय ने बयान जारी कर कहा है कि यह युद्ध तत्काल रुकना चाहिए. सुलह के रास्ते निकाले जाने चाहिए ताकि आगे और बर्बादी रुक सके. यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की को भी भारत पर पूरा भरोसा है. अमेरिका और पश्चिमी देशों से सामरिक सहयोग सीधे तौर पर नहीं मिलने से यूक्रेन नाराज है. ऐसे में यूक्रेन युद्ध विराम तत्काल चाहता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन के राष्ट्रपति से भी पहले बात की थी. उन्होंने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से भी बात कर युद्ध रोकने का आग्रह किया था समग्र रूप से देखा जाए तो भारत अभी इस स्थिति में है कि वह रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध विराम के वास्ते मध्यस्थता की भूमिका निभा सकता है. भारत की विदेश नीति को कई देशों ने सराहा है. यहां तक कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने भी तारीफ की है.इसलिए भारत युद्ध विराम के लिए संवाद स्थापित करने का काम शुरू कर रहा है. विदेश मंत्रालय इसके लिए रणनीति बना रहा है.
रूस और यूक्रेन दोनों को पसंद है भारत की मध्यस्थता ?

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