टीएनपी डेस्क (TNP DESK) : ट्विटर और उस पर किए गए ट्वीट से तो सभी वाकिफ है. कुछ भी उल्टा-पुल्टा गलती से भी ट्वीट हो जाए तो लोग पीछे ही पड़ जाते हैं. इसमें प्रॉब्लम ये होता है कि इन ट्वीट को एडिट कर ठीक भी नहीं किया जा सकता, इसके कारण इन ट्वीट्स को डिलीट करने का ही एक आखिरी ऑप्शन होता है. मगर, ट्विटर के लॉन्च के सोलह साल बाद, कंपनी को आखिरकार एडिट बटन के महत्व का एहसास हो गया है या यूं कहें, तो उन्हें समझ आ गया है कि ट्वीट को एडिट करने वाला एडिट बटन कुछ अच्छा कर सकता है.
मनुष्य के रूप में, टाइपो होना आम बात है. टाइपो को आसान भाषा में टाइपिंग मिस्टेक कहते हैं. अभी अगर, आपके ट्वीट में एक या दो टाइपो हैं, तो आपको वापस जाना होगा, अपनी पोस्ट को हटाना होगा और फिर से ट्वीट करना होगा. यह एक ऐसी परेशानी है, जिससे ट्वीटर के अधिकांश यूजर परेशान रहते हैं.
पूर्व सीईओ जैक डोर्सी ने एडिट बटन पर जताई थी चिंता
वर्षों से, ट्विटर इस प्रोपोज़्ड एडिट बटन के बारे में जिद्दी रहा है. ट्विटर यूजर्स की इस मांग को लंबे समय से नजरअंदाज करता रहा है. 2016 में, पूर्व सीईओ जैक डोर्सी ने इस एडिट बटन पर चिंता जताई थी और कहा था कि ट्वीटर को ट्वीट्स को एडिट करने की सुविधा कभी नहीं मिल सकती. अब जबकि पराग अग्रवाल नए सीईओ बन चुके हैं और वे अब एलोन मस्क बोर्ड का भी हिस्सा हैं. ऐसे में कंपनी आने वाले दिनों में "significant improvements” लाने की योजना बना रही है. जिसकी शुरुआत एडिट बटन से शुरू हो रहा है.
ट्विटर के सीईओ द्वारा मस्क के बोर्ड में शामिल होने की घोषणा के कुछ घंटों बाद ही माइक्रोब्लॉगिंग साइट ने जल्द ही एक एडिट बटन लाने की पुष्टि की. फीचर को पहले ट्विटर ब्लू सब्सक्रिप्शन यूजर्स के साथ टेस्ट किया जाएगा और बाद में, अगर चीजें ठीक रहीं, तो अन्य यूजर्स को भी इस फीचर का लाभ मिलेगा. मगर, इसमें अभी कुछ समय लगने वाला है.
आखिर ट्वीटर को एडिट फीचर लाने में क्यों लगे इतने साल?
अब सवाल यह है कि ट्विटर को एडिट ट्वीट फीचर लाने में इतने साल क्यों लगे? तो इसका जवाब है कि ऐसा इसलिए है क्योंकि डोर्सी चिंतित थे कि शेयर किये जाने के बाद ट्वीट को बदलने के लिए इस सुविधा का दुरुपयोग किया जा सकता है. 2016 में ‘द नेक्स्ट वेब’ के साथ एक इंटरव्यू में, डोरसी ने एडिट बटन पर चिंता व्यक्त की थी. उन्होंने कहा था कि "जब हम एडिट बटन के बारे में सुनते हैं, तो आपको ध्यान देना होगा कि लोग आपसे क्या मांग रहे हैं, बल्कि इसके उपयोग के मामलों पर ध्यान देना होगा. पता लगाना होगा कि आखिर सवाल के पीछे सवाल क्या है?"
अगर मैंने ट्वीटर पर कुछ गलत लिख दिया या मैंने कोई गलत यूआरएल ट्वीट कर दिया और अब मैं इसे ठीक करना चाहता हूं. इसलिए यह लोगों को किसी भी ट्वीट को समय से पहले संपादित करने की अनुमति देने से कहीं अधिक प्राप्त करने योग्य है." उसी इंटरव्यू में, डोरसी ने यह भी कहा कि कंपनी एक चेंज दिखाने की जांच कर सकती है या दिखा सकती है कि एक समय अंतराल में एक ट्वीट कैसे बदला गया. ठीक ऐसा ही होने वाला है.
Consumer प्रोडक्ट के प्रमुख, जे सुलिवन ने यह भी कहा कि पुराने या वायरल ट्वीट्स को बदलने के लिए एडिट सुविधा का दुरुपयोग किया जा सकता है. इसलिए, एक बार एडिट सुविधा जारी होने के बाद, यह संभावना है कि यदि कोई उपयोगकर्ता किसी ट्वीट को एडिट करता है, तो ट्विटर उस अवधि में उसके द्वारा किए गए चेंजेस को दिखाएगा.
Facebook और instagram पहले ही ला चुके हैं edit फीचर
यह पहली बार नहीं है जब कोई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एडिट बटन ला रहा है. फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसे प्लेटफॉर्म पहले से ही यूजर्स को अपनी पोस्ट को जब चाहें एडिट करने की अनुमति देते हैं, चाहे वह 10 साल पुराना हो या कोई नया पोस्ट. मगर, कम से कम अब तक, इस प्लेटफॉर्म पर एडिट फीचर का अधिक दुरुपयोग या दुरुपयोग अब तक नहीं देखा गया है.
ट्वीट्स को एडिट करने के ऑप्शन के साथ, ट्विटर ब्लू सब्सक्राइबर्स के साथ एक undo tweet ऑप्शन का भी टेस्टिंग कर रहा है, जो यूजर्स को इसे पोस्ट करने से पहले एक ट्वीट को संपादित करने का permission देता है. ट्वीटर ने हाल ही में कहा था कि इन फीचर्स के साथ, वह यूजर्स को अपने account पर बेहतर कंट्रोल प्रदान करना चाहता है.
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