नवादा(NAWADA): नवादा के दीपक और गया की सुगम जब परिजनों को बिना बताए सात फेरे ले लिए तो आगे की राहें काफी मुश्किल हो गई थी. घर के दरबाजे बंद हो गए थे. लेकिन, कहा जाता है कि प्यार में बहुत ताकत होती है. दोनों ने घर से दूर रहकर मंजिल की तलाश शुरू की. कोचिंग खोलकर बच्चों को पढ़ाने लगे. मेहनत रंग लाई. कोचिंग से आर्थिक समस्या भी दूर हुई और सुगम एसएसबी जीडी क्वालीफाई कर गई. ट्रेनिंग पूरी हो चुकी है. पोस्टिंग भी हो गई है. नौकरी ज्वाइन कर पिछले दिनों लौटी तो घर परिवार में स्वागत आरती-मंगल के साथ किया गया. उधर, मायके वालों से भी नजदीकियां बढ़ी है. बुलावा तो नहीं आया है, लेकिन बातचीत का सिलसिला चल पड़ा है.

जानिए सुगम व दीपक की लवस्टोरी

दीपक कुमार नवादा जिले के गोविंदपुर थाना इलाके के डेल्हुआ गांव निवाीस मुकेश प्रसाद का पुत्र है. सुगम गुप्ता गया जिले के टनकुप्पा निवासी अनिल साव की बिटिया है. साल 2018 में दोनों की मुलाकात गया टाउन में एक कोचिंग सेंटर में हुई थी. दोनों कोचिंग सेंटर में पढ़ाई करते थे. पढ़ाई के दौरान की जान-पहचान पहले दोस्ती फिर प्यार में बदल गई. जात-बिरादरी दोनों की अलग थी इसलिए परिजनों को बिना बताए शादी कर ली. शादी से दोनों पक्ष के परिजन बहुत खुश नहीं थे.

वर्दी पहनकर लौटी ससुराल

गांव-गिराम की रीति रिवज अंतरजातीय विवाह पर भारी पड़ रहा था. ऐसे में दोनों गोविंदपुर बाजार में ही किराए के आवास में रहने लगे. कोचिंग शुरू की. सुगम बताती हैं कि 20़18 में ही एसएसबी का फार्म भरा. 2019 शरीरिक जांच परीक्षा हुई. 20 अप्रैल 21 को ज्वाइनिंग मिल गई. आसाम के सलोनीबाड़ी में 11 माह तक ट्रेनिंग के बाद बहराइच में पोस्टिंग मिली है. नौकरी में तीन-चार दिनों की ड्यूटी कर छुट्टी लेकर पति के घर लौटी. यहां घर-परिवार से लेकर गांव-टाले की महिलाओं द्वारा आरती-मंगल कर स्वागत किया गया. सुगम बताती हैं कि कुछ माह कठनाईयों के बीते, फिर सबकुछ स्वत: ठीक होता चला गया. सुगम आगे का लक्ष्य एलडीसी को क्रैक करना बता रही है. विधायक मो. कामरान, पूर्व उपप्रमुख रेखा देवी सहित इलाके के बड़ी संख्या में बुद्धिजीवियों ने सुगम को बधाई, शुभकामनाएं दी है.