टीएनपी डेस्क (TNP DESK) : सहारा ग्रुप की कंपनी सहारा इंडिया कमर्शियल कॉर्पोरेशन अब अपनी 88 संपत्तियां अडानी प्रॉपर्टीज को बेचने की योजना बना रही है. इस संबंध में अडानी ग्रुप ने सुप्रीम कोर्ट को जानकारी दी है. बताया जा रहा है कि इस डील से मिलने वाली रकम का उपयोग सहारा अपने पुराने बकायों को चुकाने और निवेशकों का पैसा लौटाने में करेगा. अगर यह सौदा तय हो जाता है, तो यह देश के सबसे बड़ी रियल एस्टेट डील्स में से एक मानी जाएगी.
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, इन 88 संपत्तियों की अनुमानित कीमत 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक बताई जा रही है. सहारा ग्रुप की ओर से सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने मुख्य न्यायाधीश बी. आर. गवाई, जस्टिस सूर्य कांत और जस्टिस एम. एम. सुंदरेश की बेंच को बताया कि दोनों कंपनियों के बीच टर्म शीट पर हस्ताक्षर हो चुके हैं और इसे सीलबंद लिफाफे में अदालत में जमा किया गया है. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की अनुमति मिलने के बाद ही इस डील को आगे बढ़ाया जाएगा. हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि अडानी ग्रुप ने इन संपत्तियों के लिए कितनी राशि की पेशकश की है.
निवेशकों को पैसा लौटाने की प्रक्रिया शुरू
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने न्यायालय को बताया कि सरकार ने सेबी-सहारा अकाउंट से निवेशकों को पैसा लौटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. शेखर नफड़े ने जानकारी दी कि सहारा समूह की दो कंपनियों – सहारा हाउसिंग और सहारा रियल एस्टेट – को 2012 में सुप्रीम कोर्ट ने लगभग 25,000 करोड़ रुपये सेबी-सहारा खाते में जमा करने का आदेश दिया था, लेकिन अब तक लगभग 9,481 करोड़ रुपये जमा नहीं किए गए हैं. इस मामले पर अगली सुनवाई 17 नवंबर को होगी, जब अदालत यह तय करेगी कि अडानी प्रॉपर्टीज को प्रस्तावित बिक्री की मंजूरी दी जाए या नहीं.
सरकार ने निवेशकों को पैसे लौटाने के लिए mocrefund.crcs.gov.in पोर्टल शुरू किया है.
रिफंड की बढ़ी सीमा
पहले अधिकतम ₹10,000 तक रिफंड की सीमा थी, जिसे अब बढ़ाकर ₹50,000 कर दिया गया है. इस फैसले से छोटे निवेशकों को बड़ी राहत मिलेगी. रिफंड के लिए अंतिम तिथि 31 दिसंबर 2025 तय की गई है. आवेदन के लिए आधार कार्ड, पैन कार्ड और बैंक खाता अनिवार्य है. ध्यान दें कि सभी दस्तावेजों और सहारा रसीद पर नाम एक जैसा होना चाहिए.
रिफंड स्टेटस ऐसे करें चेक
आधिकारिक वेबसाइट mocrefund.crcs.gov.in
 पर जाएं.
“Depositor Login” विकल्प पर क्लिक करें.
अपना आधार नंबर या सहारा रसीद नंबर दर्ज करें.
मोबाइल नंबर डालें और ओटीपी के जरिए लॉगिन करें.
स्क्रीन पर आपका रिफंड स्टेटस दिखाई देगा.
अगर कोई जानकारी गलत है, तो पोर्टल पर फॉर्म अपडेट करने और भुगतान का तरीका (बैंक ट्रांसफर/NEFT) चुनने का विकल्प उपलब्ध है.
                            
                        
                        
                
                
                
                
                
                
                
                
                
                
                
                
                
                
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