धनबाद(DHANBAD):  क्या झारखंड की  राजनीति बदल रही है? गठबंधन के चेहरे बदलने की कोशिश की जा रही है? क्या यह महज  संजोग है कि सोमवार को ही मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने घाटशिला चुनाव प्रचार के दौरान कहा कि किसी के जाने से झामुमो   को कोई फर्क नहीं पड़ता है.  चंपई सोरेन के जाने से भी पार्टी को कोई फर्क नहीं पड़ा.  वह घाटशिला विधानसभा उपचुनाव में झामुमो   प्रत्याशी सोमेश चंद्र सोरेन के पक्ष में जनसभा कर रहे थे.  लेकिन किसी के जाने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा, इस बात का राजनीतिक पंडित एक अलग मतलब भी निकाल  रहे है.

आखिर क्या मतलब निकाल रहे है राजनीतिक पंडित
  
यह  मतलब राजद और कांग्रेस के लिए भी हो सकता है.  ऐसा राजनीतिक पंडित  मानते है.  दूसरी ओर यह संयोग  है या सोची - समझी राजनीति, कांग्रेस नेता प्रदीप बलमुचू   को यह डर सता रहा है कि या तो झामुमो   कांग्रेस को तोड़ देगा  या तीसरे विकल्प के साथ सरकार में शामिल हो जाएगा.  इधर सूत्र बताते हैं कि बिहार विधानसभा चुनाव और घाटशिला उपचुनाव के बाद झामुमो ,महागठबंधन के सहयोगी दलों के क्रियाकलाप की समीक्षा करने पर अडिग  है. 

झामुमो क्यों कह रहा है कि चुनाव के बाद समीक्षा जरूर होगी 
 
पार्टी के नेता कह रहे हैं कि  समीक्षा तो जरूर होगी.  इस बात को लेकर मंगलवार को कांग्रेस नेता प्रदीप बलमुचू ने पलटवार किया.  उन्होंने कहा है कि उनका लंबा राजनीतिक अनुभव इस ओर  संकेत कर रहा है कि झामुमो अपनी सरकार को बचाए रखने के लिए तीसरे  दल से बातचीत कर ली है.  ऐसा नहीं ,तो वह कांग्रेस -राजद जैसे सहयोगी दलों में टूट करा  कर अपनी सरकार बचाने  की योजना पर काम क्यों कर रहा है? इसलिए झामुमो  के नेता और मंत्री बार-बार समीक्षा की बात कह रहे है.  

कांग्रेस नेता प्रदीप बलमुचू को क्या है आगे डर 

प्रदीप बलमुचू ने कहा कि हमने झामुमो के रुख  को लेकर अपने  प्रदेश प्रभारी और वरिष्ठ नेताओं को अवगत करा दिया हूँ , भविष्य में अगर कुछ हो तो हम उसके लिए पहले से तैयार रहे.  प्रदीप बलमुचू ने कहा कि हमें यानी कांग्रेस को तो बिहार में खुद सीट  छोड़नी पड़ी है.  ऐसे में यह  डर बहुत स्वाभाविक है कि झामुमो  कहीं हमें ही ना तोड़ दे, ऐसे में हमने अपने दल  प्रदेश प्रभारी और अध्यक्ष को  इस बात की जानकारी दे दी है.  उन्होंने यह भी  कहा कि घाटशिला उपचुनाव में कांग्रेस महागठबंधन के प्रत्याशी के पक्ष में मीटिंग की है.  लेकिन कांग्रेस का कितना सहयोग लेना है, यह  झामुमो  पर ही निर्भर करता है. 

रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो