टीएनपी डेस्क(TNP DESK):बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राज्य के आंगनबाडी सेविकाओं को बड़ी सौगात देने वाले है.जहां अब आंगनबाडी सेविकाओं के खातों में 11-11हजार की राशि क्रेडिट की जाएगी. बिहार सरकार की ओर से आंगनबाडी सेविका को स्मार्टफोन खरीदने के लिए ये पैसा दिया जा रहा है,ताकि वह अपने काम को डिजिटल तरीके से कर सकें.जानकारी के मुताबिक पहले आंगनबाडी सेविकाओं को स्मार्टफोन देने की बात चल रही थी लेकिन फिर सरकार की ओर से पैसे देने की बात पर सहमति बनी, ताकि सेविका अपने-अपने जरूरत के हिसाब से स्मार्टफोन ख़रीद सके.

 इन महिलाओं के खातों में सीधा ट्रांसफर होंगे रुपये

आपको बता दें कि एक लाख आंगनबाडी सेविकाओं के खातों में 11000 हजार रुपये भेजने के लिए वित्त विभाग की ओर से समाज कल्याण विभाग को राशि वितरण कर दी गई है.आपको बता दें कि आंगनबाडी सेविकाओं के लिए स्मार्टफोन होना काफी ज्यादा जरूरी है क्योंकि आजकल जितने भी काम हैं वे सभी डिजिटल तरीकों से किए जा रहे है.इनके पास स्मार्टफोन नहीं होने की वजह से ये अपने काम को अच्छे से नहीं कर पा रही है. जिसकी वजह से सरकार ने जरूरत को देखते हुए यह सुविधा प्रदान की है.

इस वजह से सरकार ने लिया है फैसला

बिहार के आंगनबाडी सेविकाओं को हाजिरी,बच्चों की पोषण जानकारी के साथ हाल ही में शुरू हुई फेस कैप्चरिंग यानी लाभार्थियों के चेहरे की तस्वीरें पोषण ट्रैकर पर अपलोड करनी होती है.ये बिना स्मार्टफोन के मुमकिन नहीं है. अगर ऐसा नहीं किया जाता है तो फिर लाभार्थियों को इसका लाभ नहीं मिल पाता है.यानी लाभार्थी विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ उठा सकते है.इसको देखते हुए सरकार ने यह सुविधा उपलब्ध कराई है.

स्मार्टफोन के बिना काम नहीं कर पा रही थी आंगनबाडी सेविका

आपको बता दें कि बिहार की 80 से 90% आंगनबाडी सेविकाओं के पास स्मार्टफोन नहीं है, जिसकी वजह से डिजिटल प्रक्रिया को पूरा करने की गति काफी धीमी चल रही है.वही फेस ट्रैकर के साथ हाजरी और अन्या कार्य बाधित हो रहे थे.वही शिकायत करने पर आंगनबाडी सेविका मोबाइल फोन न होने की बात कहती थी अब इस बहाने से भी निजात मिल जाएगी और कार्य में तेजी आएगी.

ये है सरकार की ओर से सख्त निर्देश

सरकार की ओर से आंगनबाडी सेविकाओं को सख्त निर्देश दिया गया है कि 11000 की राशि खाते में क्रेडिट होने के 1 सप्ताह के अंदर ही उन्हें स्मार्टफोन खरीद कर इसकी रिपोर्ट जिला कार्यक्रम पदाधिकारी को देनी होगी.जिसके बाद जिला स्तर पर इस रिपोर्ट को आईसीडीएस निदेशालय को भेज दिया जाएगा.ताकी इसकी पूरी प्रक्रिया को कड़ाई से पालन किया जा सके.निश्चित तौर पर ये बिहार सरकार की सराहनीय पहल है जिससे बिहार में कुपोषण और बाल विकास में तेजी आएगी.