टीएनपी डेस्क: इस वक्त पूरा देश महाकुंभ के रंग में रंगा हुआ है. देश के कोने-कोने से श्रद्धालु महाकुंभ में डुबकी लगाने पहुंच रहे हैं. देश के कोने-कोने से नागा साधु से लेकर अघोरी, कई अखाड़ों के साधु-संत संगम में भाग लेने के लिए प्रयागराज पहुंच रहे हैं. महाकुंभ के कारण न केवल उत्तर प्रदेश का नजारा बदला है बल्कि सोशल मीडिया पर भी बस महाकुंभ की ही धूम मची हुई है. इस बीच सोशल मीडिया पर महाकुंभ में पहुंचे एक से बढ़कर एक साधु-संतों का वीडियो वायरल हो रहा है. IITian बाबा से लेकर सुंदर साध्वी हर्षा रिछारिया खूब चर्चे में हैं. वहीं, एप्पल के सीईओ स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन पॉवेल भी इस महाकुंभ का हिस्सा बन सुर्खियां बटोर रही हैं.
क्यों चर्चे में है सुंदर साध्वी
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महाकुंभ में कई बड़े-बड़े साधु-संत शामिल हो रहे हैं. कई ऐसे साधु हैं जिनका परिवेश चर्चे में हैं. ऐसे में इस महाकुंभ के शुरुआती दिनों से ही एक साध्वी की भी काफी चर्चा हो रही है. लंबी जटाएं, गले में रुद्राक्ष की माला, माथे पर तिलक और साध्वी के परिधान में निरंजनी अखाड़े के छावनी प्रवेश के दौरान रथ पर बैठ महाकुंभ में शामिल होने आई हर्षा रिछारिया खूब सुर्खियां बटोर रही हैं.
सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर से साध्वी बनी हर्षा रिछारिया को देख हर किसी के मन में एक ही सवाल उठ रहा है कि आखिर इंफ्लुएंसर व एंकर की जिंदगी छोड़ अचानक से हर्षा ने साध्वी का जीवन क्यों चुन लिया है. 2 साल से साध्वी का जीवन जी रही हर्षा रिछारिया निरंजनी अखाड़े से जुड़ी हुई है. आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी श्री कैलाशानंद गिरी जी महाराज हर्षा के गुरु हैं. वहीं, सोशल मीडिया पर हर्षा रिछारिया को सबसे सुंदर साध्वी बताया जा रहा है. दूसरी तरफ हर्षा रिछारिया ने साध्वी की बात को नकार दिया है.
दरअसल, उत्तराखंड की रहने वाली हर्षा रिछारिया अभी साध्वी नहीं बनी हैं. उन्होंने 2 साल पहले गुरु से दीक्षा ली है. लेकिन सन्यास धारण करने को लेकर अब तक कोई विचार नहीं किया है.
लॉरेन पावेल
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विदेशों में भी कई लोग भारत की सनातनी संस्कृति को अपना रहे हैं. सनातन धर्म को मान रहे हैं और धर्म के बारे में समझने के लिए भारत आकर जान भी रहे हैं. कई विदेशी तो भारत आकर भारतीय संस्कृति में ऐसे रम गए हैं कि वे अब वापस विदेश नहीं जाना चाहते. ऐसे में इस महाकुंभ में एप्पल के सह-संस्थापक स्टीव जॉब्स की पत्नी व दुनिया की अमीर महिला में से एक लॉरेन पावेल भी सनातनी रंग में रंग गई हैं. अपने सनातनी परिवेश को लेकर सोशल मीडिया पर लॉरेन भी काफी चर्चे में हैं. क्योंकि, महाकुंभ में शामिल होते ही लॉरेन पावेल सनातनी धर्म में डूबी हुई दिखाई दीं. यहां तक कि उनका नाम, गोत्र तक सनातनी हो गया. लॉरेन से उनका नाम कमला व गोत्र अच्युत हो गया. जिसके बाद से ही सोशल मीडिया पर लॉरेन छाई हुईं हैं.
दरअसल, मकर संक्रांत के पर्व पर श्रीनिरंजनी अखाड़ा के पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि के शिविर में लॉरेन ने विधि-विधान से पूजा किया. इतना ही नहीं, उन्होंने स्वामी कैलाशानंद गिरी से दीक्षा भी ली. साथ ही लॉरेन ने हर समय गले में रुद्राक्ष की माला पहनने का संकल्प भी लिया है. हालांकि, लॉरेन खराब स्वास्थ्य के कारण संगम में अमृत स्नान करने नहीं जा सकी. जिसके बाद स्वामी कैलाशानंद ने लॉरेन पर संगम का जल छिड़कते हुए उन्हें अमृत स्नान का महत्व बताया.
महाकुंभ में आए IITian बाबा
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वहीं, महाकुंभ में एक IITian बाबा भी काफी चर्चे में हैं. भौतिक सुखों का त्याग कर सन्यास और वैराग्य अपनाने वाले IITian बाबा उर्फ अभय सिंह ने आईआईटी मुंबई से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की है. करोड़ों का पैकेज ठुकरा कर अभी सन्यासी का जीवन व्यतीत कर रहे हैं. IITian बाबा उर्फ अभय सिंह महाकुंभ में शामिल होने के लिए प्रयागराज पहुंचे. जिसके बाद से सोशल मीडिया पर अभी सिंह की काफी चर्चा हो रही है.
हरियाणा के झज्जर जिले के रहने वाले अभय सिंह ने 2008 से 2012 के बैच में इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद मास्टर्स में डिजाइन का कोर्स किया. इसके बाद उन्होंने दर्शनशास्र और आत्मज्ञान के क्षेत्र में काम करना शुरू किया. उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया कि जीवन के सभी क्षेत्रों में अनुभव लेने के बाद उन्हें एहसास हुआ कि जो दिख रहा है वह सच नहीं है. जो इंसान के भीतर है वही असली ज्ञान है. उन्होंने कहा की मेरे जीवन का लक्ष्य बहुत अलग है. उन्होंने कहा कि मैं जिंदा हूं ये भी लोगों को पता नहीं चले. कुछ पता ही नहीं चले कौन है क्या है कहां से आया और कहां चला गया. मुझे कई नाम मिले जिसको मैं जैसा दिखता हूं वो मुझे वैसा नाम दे देता है.

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