रांची(RANCHI)- ईडी ने एक बड़ी कार्रवाई के तहत छतीसगढ़ के चर्चित शराब कारोबारी अनिल ढेबर को रायपुर से गिरफ्तार कर लिया है. शराब व्यवसाय का बेताज बादशाह माने जाने वाले अनिल ढेबर की गिरफ्तारी से ना सिर्फ छतीसगढ़ में सनसनी है, बल्कि इसकी तपिश झारखंड में भी महसूस की जाने लगी है. माना जा रहा है कि अनिल ढेबर की गिरफ्तारी के बाद झारखंड में शराब घोटाले की जांच को एक नयी गति मिल सकती है.
हेमंत सरकार की नयी शराब नीति के खिलाफ काफी मुखर रही है भाजपा
ध्यान रहे कि हेमंत सरकार की नयी शराब नीति के खिलाफ भाजपा काफी मुखर है. उसका का दावा है कि हेमंत सरकार की नयी आबकारी नीति से राज्य को करोड़ों रुपये का राजस्व का नुकसान उठाना पड़ा है और यह दिल्ली से भी बड़ा शराब घोटला है.
विनय चौबे और उत्पाद आयुक्त कर्ण सत्यार्थी से ईडी कर चुकी है पूछताछ
इस आशंका को बल इससे भी मिला है कि इस मामले में ईडी राज्य के उत्पाद और मध निषेध विभाग के सचिव विनय चौबे और उत्पाद आयुक्त कर्ण सत्यार्थी से पूछताछ भी कर चुकी है. आशंका की दूसरी वजह छतीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कोरपोरेशन लिमिडेट (CHHATTISGARH STATE MARKETING CORPORATION LIMITED) का झारखंड में नयी शराब नीति से जुड़ाव है, वह यहां सलाहकार की भूमिका में है और उसकी ही अनुशंसा पर ही नयी शराब नीति की घोषणा की गयी थी, तब दावा किया गया था कि इससे राजस्व की वसली में इजाफा होगा, लेकिन दावे के विपरीत झारखंड को राजस्व की हानि पहुंची, यही कारण है कि भाजपा इसे करप्शन से जोड़ कर देख रही है. साथ ही उसके द्वारा छतीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कोरपोरेशन लिमिडेट की भूमिका पर सवाल खड़े किये जा रहे हैं. इस हालत में जब रायपुर से अनिल ढेबर की गिरफ्तारी खबर आती है, राजधानी रांची में खलबली मच जाती है.
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