रांची(RANCHI): झारखंड में भ्रष्ट अधिकारियों और राजनेताओं की काली कमाई को खंगालने में जुटी ईडी की टीम ने ग्रामीण कार्य विकास विभाग के मुख्य अभियंता वीरेन्द्र राम का जूनियर रामपुकार राम के रांची स्थित आवास पर छापेमारी की है. यहां बता दें कि वीरेन्द्र राम अभी ईडी का गिरफ्त में है. हालांकि छापेमारी के बारे में अभी तक कोई खास जानकारी निकल कर सामने नहीं आयी है, लेकिन माना जा रहा है कि वीरेन्द्र राम से मिली सूचना के आधार पर ही यह छापेमारी हुई है.

पांच दिनों की रिमांड पर है वीरेन्द्र राम

यहां बता दें कि पिछले दिनों ही ईडी की टीम ने वीरेन्द्र राम के रांची, जमशेदपुर, मानगो, सिवान, हरियाणा, दिल्ली सहित देश के 24 ठिकानों पर छापेमारी की थी, जिसमें ईडी के हाथ करोड़ों की राशि हाथ लगी थी. जिसके बाद ईडी की टीम ने वीरेन्द्र राम को पांच दिनों की रिमांड पर लिया है और फिलहाल ईडी की टीम वीरेन्द्र राम से भ्रष्ट अधिकारियों और राजनेताओं की कुंडली खंगालने में जुटी हुई है, यह छापेमारी भी उसी का नतीजा माना जा रहा है.

जोरों पर है वीरेन्द्र राम के राजनीतिक रसूख की चर्चा

यहां यह भी बता दें कि वीरेन्द्र राम की गिरफ्तारी के बाद झारखंड की राजनीति में उसको राजनीतिक रसूख की चर्चा जोरों पर है. दावा किया जाता रहा है कि वीरेन्द्र राम का राजनेताओं से लेकर अधिकारियों तक बड़ा सांठगांठ था, उसकी मर्जी के बगैर ग्रामीण विकास में एक पत्ता नहीं हिलता था.

हालत यह है कि जब एसीबी ने उसके खिलाफ पीई दायर करने के लिए मंत्रीमंडल और निगरानी विभाग को अपना गोपनीय रिपोर्ट भेजा तो उस गोपनीय रिपोर्ट को भी दबा दिया गया और एसीबी को वीरेन्द्र राम के खिलाफ कार्रवाई की अनुमति नहीं दी गयी.

बड़े अधिकारी और राजनेताओं से सांठगांठ का आरोप

दावा यह भी किया गया कि शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने उसे फोन पर शिक्षा विभाग में इंजीनिरिंग सेल का प्रभार ग्रहण करने का भी आदेश दिया था, जबकि मंत्री आलमगीर आलम के द्वारा डीआईजी को पत्र लिखकर उसकी सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा गया था.

भाजपा के टिकट पर पत्नी को चुनाव लड़वाने की थी तैयारी

इसी को आधार बना कर विधायक सरयू राय ने कहा था कि इंजीनियर वीरेंद्र राम सरकार बदलने के बाद भी अपने लोगों पर कृपा बरसाता रहता है, सरकार बदलने से उसके राजनीतिक रसूख में कोई बदलाव नहीं आता है.

ईडी की टीम को उससे संबंध रखने वाले और उसका बचाव करने वाले राजनेताओं की भी जांच करनी चाहिए. सरयू राय ने यहां तक दावा किया था कि वीरेन्द्र राम अपनी पत्नी राजुकमारी देवी को भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़वाना चाहता था, हालांकि इसी बीच एसीबी की जांच में उसका नाम आ गया और उसकी पत्नी चुनाव नहीं लड़ सकी