धनबाद(DHANBAD): लगातार बारिश से कोयलांचल सहमा हुआ है.   भूमिगत आग  प्रभावित क्षेत्र गोफ  एवं गैस रिसाव से डरे -सहमे हुए है.  लगातार गैस रिसाव से अग्नि प्रभावित क्षेत्र धुआं -धुआं हो गए है.  लोदना  हाई स्कूल के पास गोफ  की घटना हुई है.  बीसीसीएल को भी बारिश से नुकसान हुआ है.  कोयला उत्पादन एवं डिस्पैच प्रभावित हुआ है.  शुक्रवार को तो उत्पादन एवं डिस्पैच लगभग बंद ही रहा.  ओपन कास्ट खदानों में पानी भरने एवं सड़क पर कीचड़ हो जाने से कोयले का उत्पादन एवं डिस्पैच दोनों प्रभावित रहे.  बारिश की गंभीरता को देखते हुए भूमिगत खदानों में कोयला कर्मियों को नहीं जाने दिया गया.  बात सिर्फ बीसीसीएल की ही नहीं है, ईसीएल  और सीसीएल में भी बारिश का व्यापक असर है. 

 
ईसीएल  में भी उत्पादन लगभग पूरी तरह से ठप  रहा

 ईसीएल  में भी उत्पादन लगभग पूरी तरह से ठप  रहा.  लोदना  हाई स्कूल के समीप शुक्रवार की सुबह जोरदार आवाज के साथ गोफ बन  गया.  गोफ  बनने से लोदना  दुर्गा मंदिर के समीप रहने वाले लोगों के बीच भय  का माहौल बना हुआ है.  गोफ  से धुआं निकलना जारी है.  इस सीजन की सबसे तेज बारिश से  कोयला क्षेत्र अस्त -व्यस्त हो गया है.  भूमिगत आग  के संपर्क में बारिश का पानी आने से तेजी से गैस रिसाव हो रहा है.  जोरिया भी संकट बनी हुई है.  जोरिया में जब पानी बढ़ता है तो वह बेकाबू हो जाती है और  उनकी धार कोलिरियों में प्रवेश कर जाता है.  ट्रेंच कटिंग कर जोरिया  की धार को बदलने की प्रबंधन कोशिश कर रहा है.  लगातार बारिश से डीवीसी के डैम  लबालब हो गए है.  मैथन एवं पंचेत से  से 23000 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है.  डैम  के निचले और तटवर्ती इलाकों में ग्रीन अलर्ट जारी किया गया है.  हालांकि अभी खतरे की कोई बात नहीं है.  डैम  के बढ़ते जल स्तर पर केंद्रीय जल आयोग एवं डीवीसी  की नजर बनी हुई है. 

मैथन डैम का जलस्तर 468 फीट नापा गया 

 शुक्रवार को मैथन डैम का जलस्तर 468 फीट जबकि पंचेत  डैम का जलस्तर 408 फीट नापा गया.  पिछले 24 घंटे में मैथन में 115 मिली मीटर बारिश हुई है जबकि पंचेत  में 111 मिली मीटर बारिश रिकार्ड की गई है.  इधर, बोकारो स्टील प्लांट ने अखबारों में सूचना देकर कहा है कि वर्षा ऋतु यानी 2 अगस्त से 31 अक्टूबर 2024 के दौरान गरगा डैम  में पानी का स्तर अधिक हो जाने के कारण डैम का गेट आवश्यकता अनुसार किसी भी समय खोला जा सकता है.  डैम के अंदर पानी अधिक हो जाने से फाटक खोलना  तकनीकी तौर  से अनिवार्य हो जाता है.  बांध का फाटक खुलने पर गरगा  नदी में पानी का स्तर काफी  ऊंचा उठ जाता है एवं पानी का बहाव भी तेज हो जाता है.  ऐसा भी होता है कि पानी  के ऊपर होकर गुजरने लगता है.  अतः गरगा  से लेकर सिवनडीह,चास ,  सेक्टर 11 तक नदी के किनारे रहने वाले या नदी पार करने वालों को यह  चेतावनी दी जाती है कि पूरे वर्षा ऋतु के दौरान नदी को पूरी सावधानी से पार करे  तथा तेज धार से अपने को एवं अपने पशुओं को सुरक्षित रखे. 

रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो