पटना(PATNA)- मद्य निषेध, उत्पाद विभाग के मंत्री सुनील कुमार ने संवाददाता सम्मेलन कर कहा कि बिहार में पूर्ण शराबबंदी को सफल करने के लिए विभाग हर सम्भव प्रयास कर रही है. लेकिन पिछले कुछ महीनों से बिहार में जहरीली शराब से मौत भी हो रही है. इसको लेकर कुछ राजनैतिक पार्टियों के द्वारा कई तरह की भ्रांतियां फैलाई जा रही हैं. कुछ राजनीति दल इसे शराबबंदी से जोड़ कर अफवाह फैला रहे हैं और गलत बयानबाजी दे रहे हैं.
जहरीली शराब से मौत के आकड़ें
बिहार में 2016 में शराबबंदी हुई है लेकिन उससे पहले बिहार में और बिहार के बाहर भी जहरीली शराब से मौत हुई थी. अभी के जहरीली शराब से जो मौत हुई है उसमें शराबंदी का कोई लेना-देना नहीं है. बताया जा रहा है कि आर्थिक रूप से कमजोर लोग गलत चीज पीते हैं, जिससे मौत होती है. जहरीली शराब से मौत का कारण शराबबंदी नहीं बल्कि आर्थिक कारण है. कई सामान नकली बनते हैं जो गैरकानूनी हैं. इस मामले को पूर्ण शराब बंदी से जोड़ना उचित नहीं है. सुशील कुमार ने बताया कि 2016 से पहले बिहार में शराब बिक्री चालू थी. उस वक्त वर्ष 2012-13 में भोजपुर जिले में 21 लोगों की जहरीली शराब पीने से मौत हुई थी. उसी वक्त गया जिले में भी 12 , सारण में 6 मोतिहारी में 5, और कैमूर में 4 लोगों की जहरीली शराब पीने से मौत हुई थी. वहीं गोपालगंज में 2000 से 2007 के बीच 18 लोगों की शराब पीने से मौत हुई थी. कटिहार में 1998 में 33 लोगों की जहरीली शराब से मौत हुई थी.
चार ड्रोन से 78 भठिया ध्वस्त की गयी
सुनील कुमार ने कहा कि हमलोग जागरूकता अभियान चला रहे हैं. साथ ही साथ प्रशासन के लोग जिनकी सहभगिता शराब व्यवसायियों के साथ उस पर कार्रवाई की जाएगी. इस मामले में सवा दो सौ पुलिस कर्मियों को बर्खास्त किया गया है. 16 नवंबर 2021 की समीक्षा के बाद पुलिस एवं उत्पाद विभाग ने कुल शराब पर 139498 छापेमारी की है एवं 22803 गिरफ्तारियां की है. साथ ही 2999 गाड़ियां जब्त की गई है और 863423.33 लीटर शराब भी जब्त किया गया है. ड्रोन से गिरफ्तारी भी हुई है और चार ड्रोन से 78 भठिया ध्वस्त की गयी है. उन्होंने शराबबंदी संशोधन पर बोला कि जो घटना हुई है, उस पर अनुसंधान किया गया है. इस पर विचार किया जा रहा है. पहले कुछ बोलना उचित नहीं होगा. हमलोग जहां तक होगा, कुछ बदलाव करने की बात होगी, उसे बदलाव भी करेंगे.
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