कटिहार(KATIHAR): सामने से ठोको मुझे, कहता ये शख्स, ठीक ही तो कह रहा है. ठोक दो, आखिर इसने जुर्म ही ऐसा किया है. पुलिसवाले और अधिकारी उससे ये तो पूछ रहे हैं कि, तुमने शराब कैसे पी ली, लेकिन ये नहीं पूछ रहे कि, ये शराब जो तुमने पी है, वो आई कहां से?? ये क्यों नहीं पूछते की इसे बेचने वाला कौन है?
ये तस्वीर कटिहार जिला मुख्यालय की है, जहां एसडीएम दफ्तर के सामने एक शराबी नशे में पकड़ा गया. हद तो ये है कि, जहां शराबी पकड़ा गया, वहां से चंद कदम की दूरी पर उत्पाद विभाग का ऑफिस है, जहां ये तय होता है कि, शराब के कारोबार पर कैसे नकेल कसा जाए, कैसे शराब के खेल पर रोक लगे.
जब अधिकारियों की नाक के नीचे शराबी पकड़ा गया तो पुलिसकर्मियों को ऐसा लगा उन्होंने किसी बड़े आतंकवादी को पकड़ लिया, आतंकी न सही तो किसी हिस्ट्रीशीटर को धर लिया. शराबी को बाबुओं ने जमकर पीटा. मारते भी क्यों न उसने शराब जो पी ली. बाबुओं की जी तोड़ मेहनत के बाद उसने कानून अपने हाथ में ले लिया. दर्द से कराहता शराबी कह रहा है मार दो.
कटिहार से बिहार के उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद आते हैं, ये हाल उनके गृह जिले का है, जहां सूबे के सबसे सख्त कानूनों में से एक शराबबंदी कानून मज़ाक बन गई है. नशे में धुत्त इस शराबी ने तो पहले जमकर हाई वोल्टेज ड्रामा भी किया. अधिकारियों को जमकर चिढ़ाया भी और बता भी दिया कि, आपके दावे सिर्फ हवा हवाई हैं. फिलहाल, इस शराबी शख्स को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है, अधिकारी कह रहे हैं उसकी अलग-अलग मशीनों से जांच की जाएगी. ये हाल है शराबबंदी का. सीएम नीतीश कुमार के कानून की किताब में शराब पीने, रखने और बेचने पर पाबंदी है. लेकिन इसकी हकीकत आपको हर गली, गांव मुहल्ले में दिख जाएगी कि, कैसे खुलेआम शराबबंदी कानून की धज्जियां उड़ाई जा रही है, लेकिन अधिकारी सोए हुए हैं.
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