TNP DESK- बिहार चुनाव परिणाम के बाद अचानक चर्चे में आई लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य के पति समरेश सिंह कौन हैं? वैसे तो चुनाव परिणाम के बाद लालू प्रसाद यादव के परिवार में आए "तूफान" में लोगों की दिलचस्पी अधिक है. महागठबंधन की करारी हार के बाद लालू प्रसाद का परिवार बिखरता हुआ दिख रहा है. अगली सरकार से अधिक लोगों की दिलचस्पी इस पर टिकी हुई है कि लालू प्रसाद के परिवार का झगड़ा कहां जाकर थमेगा? वैसे तो बड़े बेटे तेज प्रताप यादव के बाहर होने के बाद से ही यह लगने लगा था कि परिवार में सब कुछ ठीक नहीं है. जो कुछ बचा था, वह चुनाव परिणाम के बाद पिता को किडनी देने वाली बेटी रोहिणी आचार्य ने घर से निकलकर और परिवार के साथ पार्टी छोड़ने की बात कह कर सनसनी फैला दी.
रोहिणी ने तेजस्वी और उनके लोगों पर अपमान करने का भी आरोप लगाया था
रोहिणी ने तेजस्वी और उनके लोगों पर अपमान करने का भी आरोप लगाया. अब लोगों की नजर रोहिणी आचार्य के पति पर टिकी है. वह इन सब विवादों से अलग सिंगापुर में अपने परिवार के साथ रहते है. राबड़ी देवी के मुख्यमंत्री रहते हुए वर्ष 2002 में रोहिणी आचार्य की शादी समरेश सिंह से हुई थी. समरेश सिंह के पिता पूर्व आयकर आयुक्त रैंक के अधिकारी राव रणविजय सिंह है. समरेश सिंह ने दिल्ली विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में डिग्री हासिल की. इसके बाद यहीं से इंटरनेशनल ट्रेड इकोनॉमिक्स में पोस्ट ग्रेजुएशन किया. इसके बाद उन्होंने एमबीए भी किया. रोहिणी से शादी के बाद वह अमेरिका में रहने लगे. वहां से यह दंपति सिंगापुर में चला गया. वर्तमान में वह अपनी पत्नी रोहिणी और अपने तीन बच्चों के साथ सिंगापुर में ही रहते है.
रोहिणी के पति एवर कोर इन्वेस्टमेंट बैंकिंग में वरिष्ठ अधिकारी हैं
वर्तमान में सिंगापुर स्थित एवर कोर इन्वेस्टमेंट बैंकिंग में वरिष्ठ अधिकारी के तौर पर काम कर रहे है. इसके पहले भी वह कई जगह पर अच्छी जगह पर रहे. बता दे कि रोहिणी आचार्य ने सोशल मीडिया पर अपना पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा था कि परिवार के सदस्यों ने उन पर "गंदी किडनी" के बदले चुनाव टिकट खरीदने का आरोप लगाया. रोहिणी आचार्य ने कहा था कि यह "पाप" था कि उन्होंने अपने पति और बच्चों पर ध्यान देने के बजाय अपने पिता को किडनी देकर बचाना उचित समझा. उन्होंने लिखा मेरे लिए बहुत बड़ा "पाप" था कि मैं अपने परिवार, अपने तीन बच्चों का ध्यान नहीं रखा. किडनी देते समय अपने पति या ससुराल वालों से अनुमति नहीं ली. मैंने जो किया वह अपने भगवान, अपने पिता को बचाने के लिए किया और आज इसे "गंदा" कहा जा रहा है. आप में से कोई भी मेरी जैसी गलती कभी ना करे. किसी भी परिवार में रोहिणी जैसी बेटी कभी ना हो.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो

Recent Comments