पटना(PATNA): बिहार के महामहिम राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने एक महीने पहले ही बिहार के राज्यपाल का पद भार संभाला.जहां वे बिहार की धरती और वहां की संस्कृति का बखान करते नहीं थकते हैं, लेकिन रविवार के दिन कुछ ऐसा हुआ जिसने महामहिम को आहत कर दिया. जिससे महामहिम राज्यपाल का दर्द छलक उठा. आपको बताये कि राज्यपाल का पद काफी प्रतिष्ठित पद होता है .जिस पर किसी भी तरह की टीका टिपण्णी करना किसी को भी शोभा नहीं देता है,लेकिन बिहार में रविवार के दिन कुछ ऐसा हुआ जो बिल्कुल सही नहीं था.वही इसको लेकर महामहिम आरिफ मोहम्मद खान भी दुखी हो गए.
पढ़ें क्यों भरी सभा में छलक उठा राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान का दर्द
दरअसल रविवार के दिन पटना में आयोजित जीटीआरई 5.0 कार्यक्रम में बिहार के महामहिम राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान को बिहार के मुसलमान गवर्नर कहे जाने पर दर्द छलका उठा. महामहिम का मानना है कि जातीय विभेद पैदा से समाज में वैमनस्य और हिंसा का वातावरण उत्पन्न होगा.
आखिर किस बात से आहत हुए बिहार के महामहिम
पटना में आयोजित दो दिवसीय जी टी आर आई 5.O कार्यक्रम में देश भर के उद्यमियों ने हिस्सा लिया. इस मौके पर बिहार के कई नामचीन हस्तियों ने भी हिस्सा लिया लेकिन सबसे खास रहे बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान.समापन कार्यक्रम में बिहार के राजपाल ने समाज में व्याप्त कुरीतियों पर प्रकाश डाला और धर्म के मार्ग पर चलने की नसीहत देते हुए सनातन के कई पौराणिक धर्म ग्रंथों का हवाला देकर उद्योग जगत से आए लोगों के सवालों का ज़बाब दिया. हालांकि विचार विमर्श के दौरान महामहिम का भी दर्द छलक गया और उन्होंने मुस्लिम गवर्नर कहे जाने पर घोर आपत्ति जताई.हालांकि उन्होंने बाद में सफाई दी और कहा कि यह नियम सभी जनप्रतिनिधियों पर लागू होता है और किसी भी जनप्रतिनिधि को धर्म या जाति के प्रतिनिधि के रूप में नहीं देखना चाहिए.
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