धनबाद(DHANBAD): एक तरफ पुलिस तो दूसरी ओर बालू माफिया और चल रही ताबड़तोड़ गोलिया. यह कोई फ़िल्मी दृश्य नहीं ,बल्कि हकीकत बुधवार को दिखी. बिहार में बालू माफिया का मिजाज सातवें आसमान पर है. वह आर्थिक रूप से इतने ताकतवर हो गए हैं कि पुलिस से भी पंगा लेने में उन्हें वक्त नहीं लगता. बुधवार को बिहार में कुछ ऐसा ही हुआ है. बांका -मुंगेर जिला सीमा पर स्थित चकवारा बालू घाट पर बुधवार को अवैध बालू खनन को लेकर बालू माफिया और पुलिस के बीच आमने -सामने फायरिंग हुई. पुलिस जब छापा मारने पहुंची तो माफिया और उनके लोगों ने न केवल पथराव किया बल्कि फायरिंग भी शुरू कर दी. जिसके जवाब में पुलिस ने भी फायरिंग की. बताया जाता है कि बेलहर थाना क्षेत्र में अवैध बालू खनन की शिकायत के बाद पुलिस टीम कार्रवाई के लिए पहुंची थी. इस दौरान बालू माफिया ने पुलिस पर हमला बोल दिया. दोनों ओर से फायरिंग होने की खबर है. हालांकि किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है.
छापे के बाद पुलिस ने कई ट्रैक्टर किये है जब्त
कार्रवाई के बाद पुलिस ने कई ट्रैक्टर जब्त किए है. छापेमारी अभियान अभी जारी है. घटनास्थल पर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिया गया है. प्रशासनिक अधिकारी हालात पर नजर बनाए हुए है. इलाके में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है. बता दें कि पुलिस और सरकार की सख्ती के बावजूद बिहार में बालू माफिया की सक्रियता कम नहीं हो रही है. बिहार सरकार ने सख्ती के कई नियम बनाए हैं, कार्रवाई भी हो रही है लेकिन बालू माफिया चुप बैठने को तैयार नहीं है. कहा तो जाता है कि बिहार में बालू खनन और शराब का अवैध कारोबार हजारों करोड़ का है. 2016 में शराबबंदी लागू होने के बाद से बिहार सरकार के राजस्व का सबसे बड़ा स्रोत बालू है.
बिहार में अवैध बालू का कारोबार कई हज़ार करोड़ का है
अवैध बालू खनन को रोकने के लिए सरकार के तरफ से कई कदम उठाए गए हैं. बावजूद इसके बालू को लेकर वर्चस्व की लड़ाई और हत्याओं का सिलसिला थमा नहीं. बिहार में 10000 करोड़ के अवैध बालू कारोबार की भी चर्चा होती है. इसी अवैध बालू के कारोबार के लिए गैंगवार से लेकर पुलिस और खनन अधिकारियों पर हमले तक होते है. नए प्रावधान के तहत नये बंदोबस्तधारियों के माध्यम से बालू खनन शुरू किया गया है. इसके लिए नई नीति के तहत नदी घाटों की छोटे क्लस्टर बनाकर उसकी नीलामी की गई है. खान भूतत्व विभाग ने बालू के अवैध खनन-बिक्री-ढुलाई से राज्य सरकार को होने वाले राजस्व की हानि को रोकने के लिए विशेष तैयारी की है. निगरानी के लिए बालू घाटों पर ड्रोन की मदद ली जा रही है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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