पटना(PATNA): जातीय जनगणना का आंकड़ा जारी होते ही बिहार कई जातियों के द्वारा लगातार अपनी जाति की जनसंख्या को कम कर दिखलाने का आरोप लगाया जा रहा है, कल भी उपेन्द्र कुशवाहा ने पटना में रैली कर बिहार सरकार पर कोयरी, कुशवाहा जाति की संख्या के साथ छेड़छाड़ का आरोप लगाया था. इसके साथ ही उनका यही आरोप अति पिछड़ों की जातियों की जनसंख्या को लेकर भी था. अब उसी कड़ी में पूर्व डिप्टी सीएम रेणु देवी ने मोर्चा खोल दिया है.
गर्दनीबाग में धरना प्रर्दशन का करते हुए रेणु देवी ने नोनिया, बिन्द, बेलदार समाज की आबादी को कम दिखलाने का आरोप लगाया. रेणु देवी ने कहा कि जब हमारे समाज की सही जनसंख्या ही सामने नहीं आयेगी तब उनकी सामाजिक आर्थिक स्थिति की जानकारी कैसे आयेगी.
सीएम नीतीश कुमार पर हमलावर रेणु देवी ने दावा किया कि उनकी समाज की आबादी बिहार में करीबन 7 से 8 फीसदी की है. बावजूद उनकी जनसंख्या को 3.38 फीसदी दिखलाया गया.जबकि अति पिछड़ों के बारे में रेणु देवी का दावा करीबन 40 से 45 फीसदी का है.
ध्यान रहे कि बिहार सरकार अति पिछड़ी दलित जातियों के लिए भीम संवाद का आयोजन कर गोलबंद कर 2024 की रणनीति तैयार करने में जुटी हुई है. नीतीश सरकार की कोशिश इन जातियों को गोलबंद कर भाजपा को बैकफूट पर ढकेलने की कोशिश की है. लेकिन इस बीच उपेन्द्र कुशवाहा से लेकर रेणु देवी मोर्चा खोलती नजर आ रही है.
हालांकि विभिन्न जातियों के द्वारा कमतर आरोपों का जवाब देते हुए जदयू राजद की ओर से इस बात की मांग की जा रही है कि यदि भाजपा और उससे जुड़े लोगों को लगता है कि जातीय जनगणना में गड़बड़ी हुई तो वह केन्द्र सरकार से पूरे देश में जातीय जनगणना करवाने की मांग कर सकती है, ताकि किसी प्रकार का कोई भ्रम नहीं रहें.

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