रांची (RANCHI) : जल्द की झारखंड की पटरियों पर भी सरपट मेट्रो दौड़ती नजर आने वाली है. राज्य की तीन प्रमुख शहरों में शुमार रांची, जमशेदपुर और धनबाद में मेट्रो रेल को लेकर केंद्र सरकार ने 'सकारात्मक पहल की है. केंद्र सरकार ने इन शहरों में मेट्रो रेल को लेकर झारखंड सरकार से नया कॉम्प्रिहेंसिव मोबिलिटी प्लान (सीएमपी) तैयार कर भेजने को कहा है. इसके बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी नगर विकास एवं आवास विभाग को नया सीएमपी बनाने का निर्देश दिया है और विभाग ने -रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (आरएफपी) जारी कर दिया है.

बताते चले कि सीएम ने बीते 10 जुलाई को पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से रांची में मेट्रो रेल परियोजना की मांग की थी. ऐसे में राज्य सरकार का मानना है यह नया सीएमपी केंद्र को सौंपने के बाद मेट्रो की दिशा में औपचारिक प्रक्रियाएं शुरू हो जाएंगी.

क्या है सीएमपी :
दरअसल सीएमपी वह आधारभूत दस्तावेज है, जिसके बिना मेट्रो या किसी भी रैपिड ट्रांजिट सिस्टम की मंजूरी संभव नहीं होती. इसमें शहर की मौजूदा और भावी यातायात व्यवस्था, सड़क नेटवर्क, ट्रैफिक दबाव, सार्वजनिक परिवहन की उपलब्धता, निजी वाहनों की बढ़ती संख्या, जाम की समस्या, प्रदूषण और पर्यावरणीय प्रभाव का विस्तृत आकलन होता है. इन्हीं आंकड़ों के आधार पर तय होगा कि मेट्रो किन रूटों पर सबसे उपयुक्त होगी और परियोजना की आर्थिक व्यवहार्यता कैसी है. केंद्र नए सीएमपी के आधार पर तीनों शहरों में मेट्रो के परिचालन पर निर्णय लेगी.

मेट्रो से ये होंगे फायदे :
मेट्रो रेल सेवा भीड़ मैनेजमेंट, पर्यावरण प्रदूषण में कमी, तेज और आरामदायक यात्रा, उच्च क्षमता और विश्वसनीयता और बेहतर शहरी पहुंच के लिए महत्वपूर्ण सेवा है जिससे कनेक्टिविटी भी सुधारेगी. मेट्रो शून्य-उत्सर्जन वाली बिजली से चलती है, जिससे सड़कों पर चलने वाले पेट्रोल-डीजल वाहनों की संख्या कम होती है और कार्बन उत्सर्जन घटता है. मेट्रो ऊर्जा के लिहाज़ से बहुत कुशल होती है, जिससे कुल ईंधन की खपत कम होती है.