टीएनपी डेस्क(Tnp desk):-विधानसभा में नीतीश कुमार का जनसंख्या नियंत्रण पर दिया गया बयान, उनके लिए गले की फांस बन गया है. 24 घंटे के भीतर उन्होंने माफी तो मांग ली और विवाद की आग पर पानी डालने की कोशिश की. लेकिन, इस विवाद की सुलगन शांत नहीं हो रही है. खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मध्यप्रदेश के दमोह के चुनावी सभा में इशारों ही इशारों में नीतीश कुमार पर निशाना साधा और बोला कि घमंडिया गधबंधन के एक बड़े नेता महिलाओं पर इस तरह की राय रखते हैं. भारतीय जनता पार्टी तो इस बयान को लपक लिया औऱ बिहार के मुख्यमंत्री के इस्तीफे तक की मांग कर डाली है.
नीतीश का विधानसभा में विवादित बोल
नीतीश कुमार अपने बयान पर इतने पीछे आए कि, उन्होंने खुद कहा कि वे शर्मिंदा है औऱ अपने बोले गये शब्दों को वापस लेते हैं. एक कहवात सदियों से चली आ रही है बात जुबान से और तीर कमान से निकलने के बाद वापस नहीं आती है. नीतीश कुमार के साथ कुछ ऐसा ही हो रहा है. बेचारे नीतीश बाबू चुनावी मौसम में इस तरह के बात बोलकर फंस गये हैं. उनकी माफी भी असरदायक साबित नहीं हो रही. भाजपा तो इसे चुनावी मुद्दा ही बना लिया है औऱ लगता है कि आगामी लोकसभा चुनाव में उनके सेक्स एजुकेशन की बात उनके लिए परेशानियों का बंवडर लेकर आयेगी.
आगे क्या होगा ये तो वक्त तय करेगा, लेकिन सियासत की पिच पर पलटू राम माने जाने वाले नीतीश इससे भी पार पा लेगे, ये तो लगता ही है. क्योंकि वक्त के साथ उनकी अभद्र भाषा ओझल हो जाएगी. बेशक चुनावी वक्त में उनके लिए मुश्किले आयेगी . हालांकि, नीतीश कुमार लड़कियों पर बेतुकी बात पहले भी बोल चुके हैं और उनके बयान पर फजीहत हो चुकी है.
मोबाइल एडिक्शन पर बोले थे नीतीश
पिछले साल नवंबर के महीने में नीतीश ने मोबाइल एडिक्शन पर युवाओं को संदेश दिया था. इस दौरान भी उनके बयान इस कदर अजीबोगरीब थे कि लोग सकते में आ गये थे. पटना के श्रीकृष्ण मेमोरियल में आयोजित शिक्षा दिवस समारोह के दौरान नीतीश ने अपने पुराने दिनों की याद साझा की. उन्होंने बताया कि हमारे समय में कॉलेज में कोई लड़की आती थी, तो सभी उचक-उचक कर देखने लगते थे. हालांकि, उन्होने यहां लड़कियों की हौंसला अफजाई भी की थी, कि आज बिहार की लड़कियां, लड़कों की बराबरी कर रही है. कई क्षेत्रों में तो लड़कियों बाजी मार ली है. इस दौरान युवाओं को बिहार के मुख्यमंत्री ने मोबाइल की लत से बाहर निकलने की नसीहत थी. उनका मानना था कि इसके चलते युवा वर्ग फंसा हुआ है. बिहार की शिक्षा व्यवस्था की भी तारीफ करते हुए कहा था कि , लगातार प्रदेश इसमें आगे बढ़कर एक मिसाल कायम कर रहा है.
करवट मारने में माहीर है नीतीश
नीतीश कुमार की एक आदत है, जब कभी फंसते हैं, तो फिर डैमेज कंट्रोल में जुट जाते हैं. विधानसभा में जनसंख्या में नियंत्रण या फिर कहे सेक्स एजुकेशन पर ये नसीहत महंगी पड़ गई है. जेडीयू, राजद औऱ जाप पार्टी नीतीश के समर्थन करके भाजपा पर ही आगबबूला हो रही है. हालांकि, एक राजनेता का बयान राजनीति में एक मुद्दा बनाया जाता है. इसके जरिए ही पार्टियां अपना फायदा औऱ नुकसान देखती है. जहां तक नीतीश कुमार की बात है, तो एक मंझे हुए नेता है. कब किस वक्त पलटी और करवट मारना है, इसका उन्हें अच्छा ज्ञान है. वो किसी पार्टी के साथ रहकर भी कब कन्नी काट ले और कब साथ होने के लिए बेकरार हो जाए. इस कला के माहिर खिलाड़ी है. अभी भाजपा उनके खिलाफ लगातार हमलावर है. जनसंख्या कंट्रोल पर नीतीश के विवादित बोल को भुनाना चाहती है.

Recent Comments