पटना(PATNA): बिहार में अब महागठबंधन की सरकार है. नीतीश कुमार राजद के भरोसे मुख्यमंत्री बने हैं. जब से नई सरकार बनी है मंत्रियों को लेकर बिहार की राजनीति में बवाल मचा है. विधि मंत्री कार्तिक सिंह,कृषि मंत्री सुधाकर सिंह समेत मंत्रिमंडल के अस्सी फीसदी सदस्यों के दागी होने को लेकर नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव कटघरे में हैं. महागठबंधन की सरकार में तेजस्वी यादव डिप्टी सीएम बने हैं. वहीं उनके बड़े भाई तेजप्रताप यादव को नीतीश कैबिनेट में वन एवं पर्यावरण विभाग का जिम्मा मिला है.  तेजप्रताप ने 16 तारीख को शपथ लेने के बाद से ही एक्शन में हैं.लेकिन अब  तेजप्रताप यादव भी विवादों में आ गए हैं. दरअसल, बिहार के वन और पर्यावरण मंत्री तेजप्रताप यादव सरकारी बैठक में अपने बहनोई शैलेश को भी साथ ले गए. शैलेश लालू यादव के बड़े दामाद हैं. प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के चेयरमैन के ठीक बगल में लालू यादव के बड़े दामाद सरकारी बैठक में शामिल हुए.

भाजपा ने कसा तंज 

सरकारी बैठक में लालू प्रसाद के दामाद के बैठने की तस्वीर सामने आने के बाद भाजपा ने तंज कसा है. बिहार बीजेपी के प्रवक्ता निखिल आनंद ने ट्वीट करते हुए कहा, "बिहार के वन एवं पर्यावरण मंत्री  तेज प्रताप यादव को कोई हल्के में ना ले. हमारे भाई शैलेश जी भी साथ बैठे हैं. मेरा दावा है कि राजद के सभी मंत्रियों से शैलेशजी ज्यादा समझदार- ज्ञानी- टैलेंटेड जरूर हैं. शैलेश भाई का आशीर्वाद रहा तो तेज प्रताप सबसे बेस्ट मिनिस्टर साबित होंगे."

सवालों के घेरे में तेजप्रताप 

वन एवं पर्यावरण मंत्री तेजप्रताप यादव  बिहार प्रदूषण नियंत्रण पार्षद के कार्यालय पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने परिवेश भवन में विभाग के प्रधान सचिव अरविंद चौधरी,अध्यक्ष समेत अन्य अधिकारियों के साथ बैठक की और जानकारी ली. साथ ही अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए. लेकिन उसी बैठक में एक शख्स की तस्वीर आने के बाद विवाद बढ़ गया है. सरकारी बैठक में तेजप्रताप यादव के बहनोई व मीसा भारती के पति शैलेश कुमार भी दिखे. बोर्ड की मीटिंग में लालू प्रसाद के बड़े दामाद कैसे बैठे थे, यह तो मंत्री ही बता सकते हैं. अगर उऩके सरकारी निजी सचिव के तौर पर बैठे हों तो यह भी नियमसंगत नहीं कहा जा सकता है. पूर्व में जीतनराम मांझी जब मुख्यमंत्री बने थे तो अपने दामाद को पीएस बना लिया था. विवाद बढ़ने पर उन्हें अपने दामाद को पीएस पद से हटाना पड़ा था. तब जीतनराम मांझी की काफी फजीहत हुई थी. विवाद बढ़ता देख उन्होंने अपने दामाद को हटाकर मामले को शांत किया था. नीतीश कुमार भी मांझी के इस निर्णय से खफा हुए थे.