TNPDESK: सुरक्षा बल के जवानों को एक बड़ी कामयाबी मिली है. बढ़ती पुलिसिया दबिश से एक करोड़ की इनामी नक्सली सुजाता ने सरेंडर कर दिया.इसके आत्म समर्पण से बस्तर समेत  चार  राज्य में माओवादियों को एक बड़ा झटका लगा है.बस्तर रेंज में बीते कई साल से इसका ठिकाना था.माओवादियों में इसके कद का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इसे सेंट्रल कमिटी में रखा गया था.साथ ही अन्य कई संगठन की जिम्मेवारी इसके ऊपर थी.आखिर में तेलंगाना पुलिस के सामने सुजाता ने हथियार डाल दिया है.

सुजाता दक्षिण सब जोनल की इंचार्ज है. इसके पति किशन जी भी कुख्यात माओवादी थे. किशन जी को सुरक्षा बल के जवानो ने 2011 में मुठभेड़ में मार गिराया था. यह मुठभेड़ पश्चिम बंगाल मेंहुई थी. किशन के साथ कई माओवादी मारे गए थे. अब इसकी पत्नी ने सुरक्षा बल के खौफ से पुलिस के सामने हथियार डाल दिया है. बताया जाता है कि सुजाता की तलाश चार राज्य की पुलिस कर रही थी. छत्तीसगढ़, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और महारष्ट्र  में इसके खिलाफ कई मुकदमे दर्ज है.संगठन में एक बड़ी भूमिका निभा रही थी.

बताया जाता है कि सुजाता माड़वी हिड़मा की साथी है. कुख्यात हिड़मा के साथ भी कई वारदात को अंजाम दे चुकी है. जब पश्चिम बंगाल छोड़ छत्तीसगढ़ का रुख किया था उस समय हिड़मा के साथ ही जंगल में बड़े हमले  में शामिल रही है. बस्तर में हिड़मा और सुजाता का नाम सुन कर ही लोग कांपने लगते थे.     

बस्तर संभाग में सुजाता कई बड़े हमलो में शामिल रही है.अब इसके आत्म समर्पण से माओवादियों को जहाँ कमर टूट गई साथ ही मनोबल भी गिरा है. क्योकि इनकी शीर्ष नेता ने ही हथियार डाल दिया. पुरे बस्तर में इसके आत्म समर्पण से जहाँ एक ओर लोगों ने चैन की साँस ली है वहीं नक्सली सोचने पर मज़बूर हो गए की अब संगठन का क्या होगा.

अगर देखे तो अभी दो दिन पहले 11 सितम्बर को जरियाबांध जिला में सुरक्षा बल के जवानों ने एक करोड़ के इनामी  सेंट्रल कमिटी सदस्य भास्कर को मुठभेड़ में मार गिराया.साथ ही इसके दस्ते के 10  इनामी नक्सली मारे गए.इसके बाद नारायणपुर में 17 नक्सलियों ने आत्म समपर्ण कर दिया.और बीते दो माह पहले एक करोड़ के इनामी बसवा राजू को मुठभेड़ में मार गिराया.यह बताने को काफी है कि 2026 एक नया सवेरा होगा.जिसमें खुल कर लोग बिना खौफ के रह सकेंगे.