सरायकेला (SARAIKELA) - 77 वर्ष की उम्र और लाचार शरीर, हर किसी को बेबस बना देती है, लेकिन इन विपरीत स्थितियों के बीच कुछ ऐसे भी लोग होते हैं जो शारीरिक कमजोरियों को दरकिनार कर अपनी मानसिक सबलता से अपने नाम को नई पहचान देते है. ऐसी ही पहचान भाकपा माओवादी के सबसे बड़े नेता और नक्सलियों के सबसे बड़े रणनीतिकार प्रशांत बोस उर्फ किशन दा की है. बीते चार दशकों तक कई राज्यों की एजेंसियों तथा केंद्रीय एजेंसियों की पकड़ से दूर नक्सलवादी रणनीति को निरंतर धार देने वाले प्रशांत बोस उर्फ किशन दा दशकों बाद पुलिस के गिरफ्त में है और पुलिस के गिरफ्त में आने के बाद उनसे जुड़ी और नक्सलवाद से जुड़ी कई अहम राज परत दर परत अब खुलने लगे है.

न्यूज़ पोस्ट की खबर का असर, प्रशांत बोस उनकी पत्नी शीला मरांडी समेत छह गए जेल

एक करोड़ के इनामी भाकपा माओवादी के सबसे बड़े नक्सली नेता व रणनीतिकार 77 वर्षीय प्रशांत बोस, 62 वर्षीय उनकी पत्नी शीला मरांडी तथा उनके चार सहयोगी 26 वर्षीय राजू टूडू, 27 वर्षीय वीरेंद्र हांसदा, 28 वर्षीय कृष्णा बाहेंगदा और 30 वर्षीय गुरु चरण बोदरा की गिरफ्तारी कांड्रा थाना के गिद्दीबेरा टोल ब्रिज के पास हुई थी. झारखंड के डीजीपी को प्रशांत बोस के आने की खबर मिली थी. जिसके आलोक में उनके द्वारा बनाई गई विशेष टीम द्वारा छापेमारी कर उन्हें गिरफ्तार किया गया था. उनके पास से करीब डेढ़ लाख रुपए व कुछ अन्य सामान बरामद हुए थे. बता दें कि 12 नवंबर को हुए गिरफ्तारी के बाद पुलिस द्वारा प्रशांत बोस उनकी पत्नी शीला मरांडी तथा चारों सहयोगियों के खिलाफ कांड्रा थाना में मामला दर्ज करते हुए रविवार उन्हें जेल भेजने हेतु सरायकेला सदर अस्पताल में मेडिकल जांच कराया गया. जांच के दौरान सदर अस्पताल पूरी तरह से छावनी में तब्दील रहा. इस दौरान डीएसपी चंदन वत्स, एएसपी अभियान पुरुषोत्तम कुमार, एसडीपीओ संजय कुमार सिंह समेत कई पुलिस पदाधिकारी व काफी संख्या में जवान मौजूद रहे. न्यूज़ पोस्ट में कल ही खुलासा करते हुए प्रशांत बोस को मीडिया के समक्ष पेश करने की खबर बताई थी.

किशन दा आज जेल में गुजारेंगे रात, कल पुलिस लेगी रिमांड पर

सरायकेला सदर अस्पताल में मेडिकल जांच करवाने और अन्य पुलिसिया कार्रवाई संपन्न कराने के बाद प्रशांत बोस उनकी पत्नी शीला मरांडी और अन्य चार सहयोगियों को सीजीएम के समक्ष पेश किया गया. जहां से उन्हें सरायकेला जेल भेज दिया गया. रविवार रात प्रशांत बोस सरायकेला जेल में ही रात गुजारेंगे. कल सरायकेला पुलिस रिमांड पर लेगी और पूछताछ करेगी.

लाचार वयोवृद्ध किशन दा के साथ मानवीयता दिखा रही पुलिस

भाकपा माओवादी के सबसे बड़े नक्सली नेता 77 वर्षीय किशन दा शारीरिक रूप से बेहद लाचार है. उनका कई बीमारियों को लेकर ऑपरेशन भी हो चुका है. साथ ही कई बीमारियां भी उन्हें जकड़ रखी है. हालत यह है कि वह बिना सहारे के एक कदम भी नहीं चल सकते, लेकिन बिना सहारे के एक कदम भी नहीं चलने वाले किशन दा के दिखाए रास्ते पर ही कई राज्यों के नक्सली चल रहे हैं और पुलिस के समक्ष चुनौती पेश करते हुए नासूर बने है. हालांकि दशकों पूर्व की अदावत के बावजूद पुलिस किशन दा के प्रति मानवीयता ही दिखा रही है. चाहे उनके चलने में सहारा देने की बात हो या फिर अन्य सुविधा की पुलिस इसका ख्याल रख रही है. सरायकेला सदर अस्पताल में जांच के दौरान भी उनकी चाय की तलब को ध्यान में रखते हुए पुलिस द्वारा चाय और बिस्कुट उपलब्ध कराया गया। फिर किशन दा द्वारा भूख की इच्छा जाहिर करने पर उनका पसंदीदा रोटी और दाल उपलब्ध कराया गया.

रिपोर्ट : विकास कुमार, सरायकेला