रांची (RANCHI) : आईएएस पूजा सिंघल की गिरफ़्तारी के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य की पिछली रघुवर सरकार पर हमला बोला था. जिस पर पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने पलटवार किया है. पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री से उनकी पत्नी और साली के नाम पर की गई आवंटित जमीन पर स्थिति स्पष्ट करने का आग्रह किया था, जिसपर मुख्यमंत्री ने कोई जवाब नहीं दिया. उन्होंने कहा कि किसी भी व्यक्ति को राज्य लूटने का अधिकार नहीं है. उन्होंने मुख्यमंत्री को राज्य का ट्रस्टी बताते हुए कहा कि मुख्यमंत्री राज्य के ट्रस्टी होते हैं, मगर मुख्यमंत्री तो राज्य के मालिक बन गए. आप रखवाले हैं मगर, परिवार और अन्य सगे संबंधियों के साथ मिलकर आप ही लूटने लगे.

कल्पना सोरेन ने पति हेमंत की जगह पिता का नाम कराया दर्ज

रघुवर दास ने बताया कि 2009 में रांची के महत्वपूर्ण इलाके अरगोड़ा में मुख्यमंत्री की पत्नी कल्पना सोरेन के नाम पर 13 कट्ठा जमीन लिया गया, जिसमें पति की जगह कल्पना सोरेन ने अपने पिता का नाम दर्ज कराया था. उन्होंने कहा कि इस जमीन खरीद में आरक्षण और सीएनटी एक्ट दोनों ही कानून का उल्लंघन हुआ है. उन्होंने संथाल जाति बताकर जमीन ली, जो बिल्कुल गलत है. उन्होंने कहा कि इस जमीन के करोड़ों रुपए की लेन-देन  को छुपाने के लिए नाम मात्र की कीमत दिखाई गई. इस कारण उन पर मनी लॉन्ड्रिंग का मामला बनता है. उन्होंने कहा कि इस जमीन के विक्रेताओं के खिलाफ शिकायत भी की गई थी. इस शिकायत पर तब प्रमंडलीय आयुक्त ने जांच भी की थी, जिसमें अनियमितता पाई गई थी.

साली द्वारा दो कंपनियों में निवेश कर अवैध पैसे को खपाया जा रहा  

इसके आगे पूर्व मुख्यमंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की साली सरला मुर्मू दो कंपनियों की निवेशक हैं. उन्होंने इन कंपनियों के सेल कंपनी होने का भी अंदेशा जताया है. उन्होंने कहा कि वे 2021 में इन कंपनियों की निवेशक बनी हैं, इसलिए आशंका है कि इसके माध्यम से अवैध पैसे को खपाया जा रहा है. इन बातों से स्पष्ट है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपने पद का दुरुपयोग कर रहे हैं. साथ ही भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और सीएनटी एक्ट का उल्लंघन कर रहे हैं. इसलिए वे आपराधिक विचार के अंतर्गत दोषी होंगे.

रघुवर दास ने कहा कि वे इस मामले की स्वतंत्र एजेंसियों से निष्पक्ष जांच करने के लिए राज्यपाल से मिलेंगे और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत कार्रवाई करें और मुख्यमंत्री की सदस्यता रद्द करें. साथ ही कानून के अनुसार पांच साल के लिए उनके चुनाव लड़ने पर पाबंदी लगाई जाए.