देवघर(DEOGHAR)में औषधीय और सुगंधित पौधों की खेती की संभावना को देखते हुए बड़े पैमाने पर लेमन ग्रास की खेती शुरू की गई थी. इसका सुगंधित अर्क तैयार करने के लिए लाखों खर्च कर प्लांट भी लगाया गया लेकिन विभागीय उदासीनता के कारण आज यह बर्बाद हो रहा है.
अर्जुन मुंडा द्वारा हुआ था लेमन ग्रास के सुगंधित अर्क तैयार करने का फिल्टरेशन प्लांट
देवघर के त्रिकुट पहाड़ के निकट बना लेमन ग्रास का सुगंधित अर्क तैयार करने का फिल्टरेशन प्लांट अपनी बर्बादी की दास्तां खुद बयान कर रहा है. वर्ष 2004 में तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा द्वारा इसका उद्घाटन किया गया था. त्रिकुट पहाड़ और इसके आसपास के क्षेत्र में औषधीय पौधों के भंडार को देखते हुए यहां पर बड़े पैमाने पर सुगंधित पौधा लेमन ग्रास की खेती करने और इसका अर्क तैयार करने का निर्णय लिया गया था. किसानों ने इसमें अच्छी-खासी दिलचस्पी दिखाते हुए पहले ही वर्ष बड़े पैमाने पर लेमन ग्रास की खेती कर डाली. इसका सुगंधित अर्क इस प्लांट में बनना शुरू भी हुआ,लेकिन देखते ही देखते यह विभागीय उदासीनता की भेंट चढ़ गया. बाद में किसानों को भी इसमें काफी नुकसान उठाना पड़ा था.
हर्बल पौधों की खेती को बढ़ावा देती है सरकार
भारत सरकार भी हर्बल पौधों की खेती को बढ़ावा देने के लिए राशि उपलब्ध करा रही है. पिछले कुछ वर्षों में राज्य सरकार भी इस दिशा में सजग हुई है. त्रिकुट स्थित लेमन ग्रास प्लांट की स्थिति का मामला जिला प्रशासन के सामने लाये जाने पर इसकी भौतिक स्थिति की जांच कर इसे पुनर्जीवित करने की बात की जा रही है. इसके लिए देवघर के उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री द्वारा स्थानीय लोगों की एक कमिटी बना कर इसकी संभावना तलाशने का आश्वासन दिया जा रहा है.
आमदनी का नया जरिया
किसानों को परंपरागत खेती की जगह इस तरह की औषधीय और सुगंधित पौधों की खेती से अच्छी आमदनी हो सकती है. वहीं औषधीय पौधों की खेती को बढ़ावा देने की भारत सरकार की नेशनल आयुष मिशन से जोड़ कर इसे किसानों के लिए रोजगार परक और आमदनी का नया जरिया के रूप में विकसित किया जा सकता है.
रिपोर्ट:रितुराज सिन्हा,देवघर
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