रांची (TNP Desk) : कांग्रेस के नाराज विधायक संभवतः आज रांची लौट जायेंगे. असंतुष्ट विधायकों से पार्टी के महासचिव केसी वेणुगोपाल ने मुलाकात की. सभी विधायकों को सुनने के बाद वेणुगोपाल ने संगठन और सरकार के साथ काम करने की सलाह दी और वापस लौटने को कहा. कांग्रेस पार्टी के महासचिव ने आश्वासन दिया कि जो भी कमियां रह गयी है, उसे दूर कर लिया जाएगा. आलाकमान की नजर पूरे प्रकरण पर है. केसी वेणुगोपाल ने कहा कि गठबंधन की सरकार बेहतर तरीके से चले और जनता का काम हो, सबकी सामूहित जवाबदेही है. चुनौतियों का सामना एक साथ मिलकर करे. मिली जानकारी के अनुसार 22 फरवरी को विधानसभा सत्र को लेकर होने वाली सत्तारूढ़ विधायक दल की बैठक में वेणुगोपाल भाग लेंगे. वहीं प्रदेश के विधायकों ने केसी वेणुगोपाल से आग्रह करते हुए कहा कि सरकार में समन्वय बैठक करने का भी निर्देश दिया जाए. बैठक में समन्वय नहीं होने से जिलों में अधिकारी सिर्फ झामुमो के लोगों की ही सुनते हैं. कांग्रेस के विधायक से लेकर कार्यकर्ताओं को नजरअंदाज किया जाता है.

विधायकों की बात नहीं सुनते हैं मंत्री

नाराज विधायकों ने महासचिव केसी वेणुगोपाल से कहा कि जिन्हें फिर से मंत्री बनाया गया है वे हमारी बात नहीं सुनते हैं. इन मंत्रियों की कार्यशैली से आम जनता से लेकर पार्टी कार्यकर्ता खुश नहीं हैं. क्षेत्र में कई तरह की समस्या है जिसका निदान करना जरूरी है. लेकिन मंत्री हमारे फोन तक नहीं उठाते हैं. पूर्व प्रभारी ने मंत्रियों के कामकाज की रिपोर्ट भी ली थी. जिलों में जाकर कार्यकर्ताओं से भी बात की थी. सरकार की ओर से अधिकारियों को उचित दिशा-निर्देश दिया जाए.

मंत्रियों और विधायकों में बंटी पार्टी

कांग्रेस के विधायक जिस तरह से नाराज चल रहे हैं ऐसे में पार्टी मंत्री और विधायकों में बंटती हुई दिख रही है. जो आने वाले समय में कांग्रेस को ही नुकसान होगा. क्योंकि अभी सिर पर चुनाव है. चुनाव में एकजुटता नहीं दिखी तो कार्यकर्ता हताश हो जाएंगे. कार्यकर्ताओं के हताश होने से पार्टी को भारी कीमत चुकानी होगी. मंत्री और विधायकों में बेहतर तालमेल कैसे हो इसपर पार्टी को सोचना चाहिए, ताकि संगठन और सरकार पर किसी तरह का संकट ना आए. पार्टी के प्रदेश प्रभारी गुलाम अहमद मीर और प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर पर भी जिम्मेदारी और बढ़ गई है. उनके सामने चुनौती ये है कि मंत्री और विधायकों को कैसे एकजुट करे. राजेश ठाकुर कई बार कह चुके हैं कि कांग्रेस पार्टी के अंदर लोकतंत्र है जिसमें सभी को अपनी बात रखने का अधिकार है. 

बजट सेशन के दौरान दिखेगा दिलचस्प नजारा

इस बार झारखंड विधानसभा में बजट सत्र का नजारा दिलचस्प दिखेगा. चार साल तक तत्कालीन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में बजट पेश हुआ था. लेकिन इस बार चंपाई सोरेन के नेतृत्व में बजट पेश होना है. झारखंड विधानसभा का बजट 23 फरवरी से शुरू होने जा रहा है. 27 फरवरी को बजट पेश किया जायेगा. बता दें कि चंपाई सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार से पहले ही कांग्रेस के विधायक नाराज हो गए थे. मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किये जाने के बाद विधायक रांची से दिल्ली चले गए. नाराज आठ विधायकों की मुलाकात पार्टी के हायकमान से हो गयी है. उन्हें अश्वासन देकर रांची लौटने को कहा है. अब जब बजट सत्र 23 फरवरी से शुरू हो रहा है तो सवाल उठता है कि ऐसे में कांग्रेस कोटे के मंत्री और विधायक विधानसभा में मिलेंगे. अगर ये दोनों आमने-सामने होंगे तो विधानसभा का दृश्य कैसा होगा. क्या एक-दूसरे से आंख मिला पाएंगे. क्योंकि जिस तरीके से नाराज विधायकों ने मंत्रियों के खिलाफ पार्टी हाईकमान से शिकायत की है ऐसे में मुश्किल ही लगता है कि ये लोग हाथ मिला पाएं. हालांकि राजनीति में नाराजगी, विरोधी, दुश्मनी सिर्फ थोड़े समय के लिए होता है. उम्मीद यही है कि जब विधानसभा का सत्र शुरू होगा तब सभी विधायक और मंत्री एकजुट दिखाई देंगे.