रांची (TNP Desk) : किसान और जन विरोधी नीतियों के खिलाफ 16 फरवरी को भारत बंद का आह्वान किया गया है. जिसका समर्थन सीपीआई और तमाम ट्रेड यूनियन ने किया है. इसको लेकर भाकपा राज्य कार्यालय में संयुक्त किसान मोर्चा और ट्रेड यूनियन की संयुक्त बैठक हुई. बैठक के बाद आगामी दिनों में होने वाले कार्यक्रमों की रूपरेखा के बारे में मीडिया को जानकारी दी गई.
मोदी सरकार ने किसानों पर की बर्बरतापूर्ण कार्रवाई
कहा गया है भारत बंद केंद्र सरकार की किसान और जन विरोधी नीतियों के खिलाफ होगा. इसको लेकर झारखंड और रांची में तैयारी कर ली गई है. उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार के नीतियों के विरोध में किसानों ने दिल्ली कूच किया तो डर के कारण उन्हें सड़कों पर रोक दिया. किसान भाईयों पर बर्बरतापूर्ण कार्रवाई की जा रही है. जो सही नहीं है. ऐसा लगता है कि मोदी सरकार घबरा गई है.
जनविरोधी नीतियों को लागू कर रही है एनडीए सरकार
उन्होंने कहा कि जब मोदी सरकार सत्ता में आई थी तो उससे पहले किसानों से वादा किया था. एमएसपी दरें को लेकर को बातें हुई थी उसे लागू करना चाहिए. मोदी सरकार अपने वादे से मुकर रही है. केंद्र की एनडीए सरकार ने लगतार जनविरोधी नीतियों को लेकर आयी है और उसे लागू भी किया है. अगर विपक्ष के नेता सड़क पर उतरकर विरोध कर रहे हैं तो उसे जेल भेजा जा रहा है. जो बिलकुल भी सही नहीं है.
किसानों ने केंद्र सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा
बता दें कि उत्तर प्रदेश के नोएडा, ग्रेटर नोएडा के किसान संगठनों ने प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. भारी संख्या में किसान नोएडा, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के कार्यालयों के बाहर कई दिनों से धरने पर बैठे है. इसके अलावा सेक्टर-24 स्थित एनटीपीसी दफ्तर और एनटीपीसी दादरी दफ्तर के बाहर भी किसान धरना प्रदर्शन कर रहे है. विभिन्न मांगों को लेकर धरने में भारी संख्या में महिलाएं, पुरुष, युवा और बुजुर्ग शामिल है. प्रदर्शनकारियों का कहना है, इस बार लड़ाई आरपार की है. किसी भी हालत में अपना हक सरकार से लेकर रहेंगे. जीत कर ही दम लेंगे. जिले के करीब 150 गांवों के किसान अपनी आवाज प्रदेश और केंद्र सरकार तक पहुंचाने की कोशिश कर रहे है.
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