Ranchi:- खाकी का खौफ तो बोलता है और उसकी हनक भी दिखती है. लेकिन, कभी -कभी इतनी ज्यादा हो जाती है कि इंसान अजीज हो जाता है. वर्दी के धौंसा का बेजा इस्तेमाल होने लगता है. राजधानी रांची की महिला अधिवक्ता के सुसाइड करने की कोशिश मामले में रांची के एसएसपी ने एक्शन लिया और रविवार को सुखदेवनगर थाना प्रभारी रामकांत ओझा लाइन हाजीर किया और इस मामले में जांच के आदेश भी दिए. रामकांत ओझा पर सिर्फ महिला अधिवक्ता को प्रताड़ित करने का ही आरोप नहीं लगा है, बल्कि बालू गाड़ी छोड़ने की भी उन पर तोहमत लगी है.
बालू गाड़ी छोड़ने का आरोप
दरअसल, 12 फरवरी को पद संभालने के बाद उन्होंने बालू और मटका का धंधा करने वाले को पकड़ा. उन पर मोटी रकम वसूली करके छोड़ने का आरोप लगा है. बताया जा रहा है कि थानेदार ने 13 फरवरी की देर रात जांच अभियान चलाकर कई गाड़ियों को पकड़ा और बिना किसी वरीय अधिकारियों को सूचना दिए सभी गाड़ियों को छोड़ दिया और केस भी दर्ज नही किया. इस मामले की जानकारी एसएसपी को मिली , तो फिर उन्होंने कार्रवाई की. इधर, महिला अधिवक्ता प्रताड़ना मामले में कोतवाली डीएसपी प्रकाश सोय के मामले में जांच करके रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा है. डीएसपी की रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.
महिला अधिवक्ता का क्या था मामला
11 फरवरी की रात अधिवक्ता रविशंकर मिश्रा को सुखदेवनगर इलाके में 11 फरवरी को गोली मारकर घायल कर दिया गया था. जांच में पुलिस को महिला अधिवक्ता की भूमिका मिली, तो हिरासत में लेकर उससे पूछताछ की गई . हालांकि, चर्च रोड निवासी महिला ने घटना में शामिल होने से इंकार किया. आरोप है कि इसके बाद थाना प्रभारी ने दोस्ती का प्रस्ताव दिया और ऐसे नहीं करने पर झूठे केस में फंसाने की धमकी दी. इसके बाद महिला ने शनिवार को नींद की गोली खाकर आत्महत्या का प्रयास किया. हालत गंभीर होने पर उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया. महिला ने अपने सुसाइड नोट में लिखा कि जांच के नाम पर थानेदार जबरन घर से थाने ले गये. सादे पेपर पर हस्ताक्षर करने से मना किया, तो झूठे केस में फंसाने की धमकी औऱ रात भर थाने में रखने की बात कही. नोट में लिखा की जबरन दोस्ती करने का दबाव बनाया जा रहा था. इसके साथ ही महिला ने इसे अपना सुसाइड नहीं, बल्कि अपना कत्ल बताया था.
अब देखना यही है कि सुखदेव नगर थााना प्रभारी पर जांच रिपोर्ट आने के बाद क्या कार्रवाई जाती है. क्योंकि जो उन पर आरोप लगे हैं , वह बेहद ही गंभीर है.
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