टीएनपी डेस्क (TNP DESK) : झारखंड में शराब घोटाले को लेकर एसीबी ने लंबी पूछताछ के बाद आईएएस अधिकारी विनय चौबे को गिरफ्तार कर लिया है. गिरफ्तारी से पहले मेडिकल टीम को बुलाकर स्वास्थ्य जांच भी कराई गई. बता दें कि एसीबी अधिकारियों की टीम मंगलवार को करीब 11 बजे आईएएस विनय चौबे के घर पहुंची और उन्हें अपने साथ ले गई. आईएएस अधिकारी विनय चौबे की गिरफ्तारी के तुरंत बाद ही संयुक्त आबकारी आयुक्त गंजेंद्र सिंह को भी गिरफ्तार किया गया.

जानिए कैसे हुआ था गेम प्लान तैयार

दरअसल, मार्च 2022 में झारखंड में छत्तीसगढ़ मॉडल पर आधारित आबकारी नीति लागू की गई थी. बताया जाता है कि झारखंड की पिछली आबकारी नीति को राजस्व की कसौटी पर फ्लॉप करार देकर पूरा गेम प्लान तैयार किया गया था. इसको लेकर रायपुर में बैठक भी हुई थी. नई नीति बनते ही छत्तीसगढ़ का सिंडिकेट सक्रिय हो गया. इस दौरान फर्जी होलोग्राम और अवैध शराब की सप्लाई कर राजस्व को भारी नुकसान पहुंचाया गया.

ईडी ने छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कॉर्पोरेशन लिमिटेड के खिलाफ ईसीआईआर दर्ज कर मामले की जांच शुरू की थी. जांच में पाया गया था कि कॉर्पोरेशन के अधिकारियों ने शराब कारोबारियों के साथ सिंडिकेट बनाकर छत्तीसगढ़ सरकार को आर्थिक नुकसान पहुंचाया है. इस मामले में छत्तीसगढ़ ईडी ने वहां के आईएएस अफसरों समेत शराब कारोबारियों पर कार्रवाई की थी.

जांच के दौरान ईडी को पता चला था कि छत्तीसगढ़ में शराब घोटाले को अंजाम देने वाले सिंडिकेट ने झारखंड में भी नई उत्पाद नीति बनाई थी और झारखंड में भी शराब घोटाले को अंजाम दिया था. इस जानकारी के बाद छत्तीसगढ़ ईडी ने विनय चौबे को समन जारी कर पूछताछ के लिए छत्तीसगढ़ बुलाया था.

बताया जाता है कि विनय चौबे ने छत्तीसगढ़ ईडी की पूछताछ में खुद को निर्दोष बताया था और ईडी को दिए गए बयान में कहा था कि नई उत्पाद नीति सरकार की सहमति के बाद लागू की गई थी. इसमें उसका कोई दोष नहीं है. इसके बाद झारखंड के एक व्यक्ति ने छत्तीसगढ़ आर्थिक अपराध शाखा में प्राथमिकी दर्ज कराई थी. इसमें छत्तीसगढ़ शराब सिंडिकेट पर झारखंड में योजनाबद्ध तरीके से शराब घोटाले को अंजाम देने का आरोप लगाया गया था.

आर्थिक अपराध शाखा (EOU) में दर्ज इस प्राथमिकी को ईसीआईआर के रूप में दर्ज कर ईडी झारखंड ने मामले की जांच शुरू की थी. अक्टूबर 2024 में ईडी ने विनय चौबे, गजेंद्र सिंह समेत अन्य के ठिकानों पर छापेमारी की थी.

दो साल तक चली झारखंड में नई शराब नीति

साल 2022 में झारखंड में नई शराब नीति लाई गई. बताया गया था कि इस नीति से सरकार को बड़ा मुनाफा होने वाला है. लेकिन इस नीति को लागू होते के 2 साल तक करोड़ों का घोटाला शराब के जरिए हो गया. सरकार के खाते में पैसे ना जाकर एक सिंडिकेट बना और उन तमाम लोगों के जेब में पैसा पहुंच गया. उसके कई किरदार छत्तीसगढ़ में गिरफ्तार हो गए और आखिरकार एसीबी ने भी इस मामले की जांच करने को लेकर मामला दर्ज किया.

छत्तीसगढ़ में बना प्लान

इस पूरे प्लान को छत्तीसगढ़ के रायपुर में तैयार किया गया था और इसमें छत्तीसगढ़ के आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा, छत्तीसगढ़ राज्य मार्केटिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड के तत्कालीन प्रबंधक निदेशक अरुणपति त्रिपाठी, शराब कारोबारी अनवर ढेबर की टीम बनी और इस पूरे खेल को खेला गया.

एक सिंडीकेट के जिम्मे रहा पूरा खेल

बताया जाता है की जांच में एजेंसी को जानकारी मिली कि झारखंड में देसी और विदेशी शराब का ठेका एक विशेष सिंडिकेट को दिया गया. जिसमें नकली होलोग्राम लगाकर देसी शराब की बिक्री की गई. विदेशी शराब का जिम्मा एक विशेष कंपनी को दिया गया जिसके जरिए मोटी रकम कमीशन के तौर पर इन तमाम लोगों को मिल रही थी. कमीशन के तौर पर मोटी रकम वसूली गई और सरकार के खाते में पैसा नहीं पहुंचा. कई शराब दुकानों में बाहर की शराब बेची जा रही थी.

सीबीआई कर सकती है मामले की जांच

इस पूरे मामले में रायपुर की आर्थिक अपराध इकाई ने सीबीआई को भी जांच के लिए अनुशंसा किया है, पूरे जांच की कॉपी भेजी गई है. संभावना जताई जा रही है कि उसे मामले में सीबीआई एंट्री कर सकती है.

जानिए कौन है IAS विनय चौबे

विनय कुमार चौबे 1999 बैच के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी हैं. वे झारखंड में महत्वपूर्ण पदों पर रह चुके हैं. विनय कुमार चौबे झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन के प्रधान सचिव रह चुके हैं. इससे पहले वे झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के प्रधान सचिव और राज्य के आबकारी सचिव रह चुके हैं. हेमंत सोरेन के खिलाफ ईडी की कार्रवाई के दौरान हेमंत सोरेन के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के एक दिन बाद चौबे ने प्रधान सचिव के पद से इस्तीफा दे दिया था. लेकिन उन्हें फिर से उसी पद पर नियुक्त किया गया था. विनय कुमार बिहार के रहने वाले हैं. उनका जन्म वर्ष 1975 में हुआ था. आईएएस विनय कुमार ने कंप्यूटर साइंस में बीटेक किया है.