टीएनपी डेस्क(TNP DESK): जब बच्चे एक या दो साल के होते हैं तो वह अपनी शरारत करना शुरू कर देते हैं, जब वह कुछ बोलते हैं या फिर कुछ हरकतें करते हैं तो पेरेंट्स देखकर खुश होते हैं और इंटरटेन होते हैं. बच्चों की हरकतें और नटखटपना पेरेंट्स के लिए सबसे सुखद पल होते हैं. इसका इंतजार लोग बहुत समय से करते हैं कि उनके बच्चे कब शरारत करेंगे लेकिन जब बच्चे 3 से 4 साल के हो जाते हैं तो यह शरारत धीरे-धीरे कम होनी चाहिए, यदि आपके बच्चे भी 4 साल से 5 साल के बीच के हैं और ज्यादा शरारत करते हैं तो आपको इस बारे में सोचने की जरूरत है.
ज्यादा जिद्द करनेवाले बच्चे इस गंभीर बीमारी के शिकार होते है
जब बच्चे छोटे होते हैं तो किसी भी चीज को देखकर तुरंत आकर्षित हो जाते हैं और उसे पाने के लिए रोने लगते हैं या फिर कुछ ऐसी हरकतें करते हैं जिससे पेरेंट्स को पता चल जाता है कि बच्चों को वो चीज चाहिए. बच्चे साफ तौर पर शब्दों में व्यक्त तो नहीं करते लेकिन वह अपने हाव-भाव रोकर मुंह फुलाकर, गुस्सा होकर या फिर कुछ एक्ट करके पेरेंट्स को समझने की कोशिश करते हैं कि वह चीज उन्हे चाहिए, लेकिन जब बच्चे 4 साल के हो जाएं तो यह शरारत यदि ज्यादा हो रही है तो यह आपके लिए चिंता का विषय है, क्योंकि ऐसे बच्चे एक बीमारी से ग्रस्त होते है, जिसके बारे में आज हम आपको आर्टिकल में बतायेंगे.
भूखे या नींद पूरा नहीं होने की वजह से बच्चे करते है नखरे
यदि आपका बच्चा भी किसी चीज को लेकर बहुत ज्यादा जिद करता है, चिड़चिड़ा रहता है, गुस्सा करता है और हमेशा रोता रहता है तो आपका बच्चा एक बीमारी से जूझ रहा होता है जिसका नाम टैंपर टैंट्रम नाम है. ऐसा बच्चों में इसलिए भी देखा जाता है क्योंकि बच्चे यदि भूखे रहे, उनकी नींद पूरी ना हो तो शायद बच्चा ऐसा करते हैं लेकिन यदि ज्यादा हो रहा है तो फिर आपको ध्यान देने की जरुरत है.
टैंपर टैंट्रम से जूझ रहे होते है ऐसे बच्चे
यदि आपको बच्चा भी टैंपर टैंट्रम की स्थिति जूझ रहा है, तो बच्चों की हरकतों पर ज्यादा रिएक्ट करने की जगह उसे अकेला छोड़ दें, यदि आप उसकी हरकतों पर रिएक्ट करेंगे, तो उसका टैंपर टैंट्रम और बढ़ जायेगा.अब आपको लगता होगा कि आखिर बच्चों में टैंपर टैंट्रम आखिर होता क्यों है,तो आपको बता दे कि जब भी आप अपने बच्चों के पसंद की चीज ना दिलाए या फिर उनकी किसी बात को नहीं मानते तो वह चिल्लाने और रोने लगते हैं जिसे बच्चों जिसे पेरेंट्स को काफी शर्मिंदगी महसूस होती है,और मां बाप बच्चों को डांट देते है, जिससे बच्चें और जिद्दी हो जाते है.
टैंपर टैंट्रम से ऐसे करें डील
1. इसलिए जब भी ऐसा कभी हो तो उनका ध्यान भटकने की कोशिश करें, उन्हें डायरेक्ट ना कभी नहीं बोले.बच्चा जब भी गुस्सा या नखरे करे तो ज्यादा रिएक्ट करने की जगह बात को इग्नोर करने की कोशिश करें ना कि उसे डांटे.
2. वहीं बच्चों को ऐसे दिखाएं कि आप उनकी काफी परवाह करते हैं और फिर उन्हें अपने तरीके से उन पर प्यार जताये और गले लगाकर उन्हें समझाएं.
3. कई बार छोटे बच्चे बेवजह भी किसी चीज को लेकर डिमांड करने लगते हैं ऐसे में माता-पिता के आगे ना कहने के अलावा कोई भी विकल्प नहीं बचता,लेकिन यहीं पर पेरेंट्स की सबसे बड़ी गलती होती है, बच्चों को कभी भी किसी चीज के लिए डायरेक्ट ना नहीं बोलना चाहिए. यदि बच्चे कोई गलत जिद्द कर रहे हैं तो उन्हें उसे चीज के बारे में कमियां गिनवाइए, जिस बच्चे आपकी बात में भटक जाते हैं और फिर बच्चे जिद्द को भूल जाते हैं
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