धनबाद(DHANBAD):  देश की कोयला उत्पादक कंपनी कोल इंडिया में 11 वीं  जेबीसीसीआई का समय 30 जून 2026 को खत्म हो रहा है.  12वीं जेबीसीसीआई की अवधि 1 जुलाई 2026 से शुरू होने वाली है. लेकिन कर्मचारियों का  वेतन अधिकारियों से अधिक होने का इसमें पेंच फंस सकता है. गठन में विलम्ब भी हो सकता है.   हालांकि कोयला मंत्रालय द्वारा कोयला अधिकारियों की वेतन विसंगति को दूर करने को  लेकर गठित कमेटी की अनुशंसा अगर लागू हुई तो  इस दिशा में तेजी से पहल होने की उम्मीद जताई जा रही है.  दरअसल 11 वीं  जेबीसीसीआई के तहत कर्मचारियों का वेतन अधिकारियों से अधिक हो गया है. .

इससे बड़ा  असंतुलन  पैदा हुआ है.   फिर यह मामला कोर्ट में चला गया.  कोयला अधिकारियों का कहना है कि डिपार्मेंट आफ पब्लिक इंटरप्राइजेज के दिशा निर्देशों के अनुसार अधिकारियों का वेतन कर्मचारी से कम नहीं होना चाहिए.  लेकिन 11 वीं  जेबीसीसीआई में कर्मचारियों का वेतन अधिकारियों से अधिक हो गया था.  कोयला अधिकारियो  के वेतन विसंगति को दूर करने के लिए एक कमेटी गठित की गई थी.  कमेटी ने अपनी अनुशंसा भेज दी है.  इसमें कुछ सुझाव भी दिए है. 
 

सूत्र बताते हैं कि कमेटी ने कोयला अधिकारियों का वेतन 20 से ₹40,000 बढ़ाने का सुझाव दिया है. इसमें महाप्रबंधक, कार्यकारी निदेशक, निदेशक और सीएमडी  स्तर के अधिकारियों के वेतन में कोई बदलाव का प्रस्ताव नहीं है. E-7 यानी चीफ मैनेजर के वेतनमान में 20,000, सीनियर मैनेजर यानी E-6  के वेतन में 30 से 40,000 और मैनेजर E-5 से E-1 ग्रेड तक के अधिकारियों के वेतन में 20 से ₹40,000 तक की वृद्धि के अनुशंसा की गई है. उल्लेखनीय है कि कोयला अधिकारियों के वेतन विसंगति मामले को लेकर कोर्ट में  मामला चल रहा  है. 

कोयला मंत्रालय भी चाहता है कि कोर्ट में  सुनवाई से पहले कोयला अधिकारियों के वेतन मामले को सुलझा लिया जाए. बता दे कि कोल इंडिया के गैर-कार्यकारी कर्मचारियों के लिए वेतन, भत्ते, और अन्य सेवा शर्तों पर बातचीत करने और उन्हें निर्धारित करने के लिए.औद्योगिक शांति और सद्भाव बनाए रखते हुए निष्पक्ष और पारदर्शी वेतन समझौते सुनिश्चित करने के लिए जेबीसीसीआई का गठन किया जाता है. 

12वीं  जेबीसीसीआई का गठन  महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह वेतन समझौते और अन्य सेवा शर्तों को निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. यह सुनिश्चित करेगा कि कर्मचारियों को उचित वेतन और भत्ते मिलें, और औद्योगिक शांति बनी रहे.  कोल इंडिया देश की सबसे बड़ी कोयला उत्पादक कंपनी है. कोयला उद्योग के राष्ट्रीयकरण के बाद इस कंपनी का गठन हुआ था. यह अलग बात है कि कोल इंडिया में फिलहाल प्राइवेट प्लेयर्स का दखल बढ़ रहा है. नई नियुक्तियों पर एक तरह से रोक है. कोयलाकर्मी और अधिकारियों की कई सुविधाओं में कटौती की गई है, तो कुछ सुविधाएं बढ़ाई भी गई है. कोयला अधिकारी वेतन विसंगति दूर करने की लंबे समय से मांग कर रहे है. लगता है कि अब जल्द ही उनकी यह डिमांड पूरी हो सकती है. 

रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो