रांची(RANCHI): झारखण्ड के शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ घाटशिला के घोड़ाबांधा में किया गया. बेटे ने मुखाग्नि दी है. इस दौरान हजारों लाखों की भीड़ रामदास सोरेन के अंतिम यात्रा में शामिल हुए.पूरा इलाका रामदास सोरेन के जाने से दुखी है. सभी के आँखों से आंसू निकल रहे है. साथी मंत्री से लेकर पूर्व मुख्यमंत्री सभी भावुक दिखे और अपने आंसू को रोक नहीं पाए. उनके साथ बिताये पल को याद कर हर कोई की आँख भर आ रही है. जब रामदास सोरेन का पार्थिव शरीर उनके आवास से अंतिम यात्रा के लिए निकला तो हर ओर रामदास सोरेन अमर रहे के नारे गूंज रहे थे.

अंतिम यात्रा में मंत्री दीपिका पांडे सिंह, चमरा लिंडा, इरफ़ान अंसारी, दीपक बिरुआ के साथ पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास,चम्पाई सोरेन,अर्जुन मुंडा शामिल हुए. इस दौरान घोड़ाबांधा में राजकीय सम्मान के साथ उन्हें अंतिम सलामी दी गयी. इस दौरान मंत्री दीपक बिरुआ काफी भावुक दिखे है. उन्होंने अपने सोशल मीडिया एकाउंट पर भी लिखा है दादा इतना जल्दी क्यों चले गए. बड़े भाई के जैसा हमेशा साथ रहे लेकिन अचानक ये क्या हो गया.

वहीं समीर मोहंती ने कहा कि कोल्हान ही नहीं पुरे झारखण्ड में उनके जैसा कोई नहीं है.वह जमीन से जुड़े नेता थे.हमेशा आंदोलन किया है और हक़ ले कर दिखाया है.जब सत्ता उनके हाथ में आई और मंत्री बने तो वह उस सपने को पूरा कर ही रहे थे की अचानक वह दुनिया से चले गए.

पूर्व विधायक कुणाल सारंगी खुद को रोक नहीं पा रहे है. जब से शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन की तबियत ख़राब हुई थी वह उनके साथ दिल्ली में मौजूद थे. हर पल उनके स्वास्थ्य का ख्याल रख रहे थे. जब वह दुनिया से चले गए तो उन्होंने भावुक होकर लिखा कि इतना जल्दी सर से हाथ उठा लिया. पिता के जाने के बाद पिता के जैसा हर बात पर मार्ग दर्शन करते थे आप लेकिन अचानक आप भी अकेले छोड़ कर चले गए.

बता दे कि शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन का निधन शुक्रवार को देर रात 11 बजे के करीब दिल्ली के अस्पताल में हो गया. वह पिछले 12 दिनों से दिल्ली के अस्पताल में भर्ती थे.घर के बाथरूम में गिरने की वजह से उन्हें ब्रेन स्ट्रोक हुआ था.जिससे वह उभर नहीं पाए और दुनिया को अलविदा कह दिया.