धनबाद: धनबाद पहुंची सूचना के मुताबिक सांसद निशिकांत दुबे के प्रिविलेज प्रस्ताव की स्वीकृति के बाद झारखंड के अधिकारियों को नोटिस निर्गत किया गया है.  लोकसभा अध्यक्ष के आदेश पर झारखंड के मुख्य सचिव ,डीजीपी ,  और एसपी  को पंद्रह दिनों में जवाब देने को कहा गया है.   सूत्रों के अनुसार नोटिस में कहा गया है कि बाबा मंदिर में हंगामा करने के झूठे आधार पर एफआईआर  करने की शिकायत की गई है.  सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर कहा था कि बाबा मंदिर में दर्शन के दौरान उनके और सांसद मनोज तिवारी सहित अन्य सहयोगियों पर प्रशासन ने झूठा  मुकदमा दर्ज किया है. 

कार्तिक नाथ ठाकुर की शिकायत पर हुई थी एफआईआर 
 
उनका यह भी आरोप था कि बाबा बैद्यनाथ धाम विकास प्राधिकरण अधिनियम 2016 के तहत वह  ट्रस्टी हैं और उनके खिलाफ की गई प्राथमिकी  उस अधिनियम की धारा 27 का उल्लंघन है.  बता दें कि बाबा मंदिर में प्रवेश को लेकर 2 अगस्त को हुए विवाद के बाद कार्तिक नाथ ठाकुर की शिकायत पर थाने में सांसद सहित अन्य के खिलाफ प्राथमिकी  दर्ज की गई है.  इस एफआईआर  से सांसद काफी नाराज हुए थे.  उन्होंने घोषणा कर दी थी कि  वह थाने  जाएंगे, पुलिस उन्हें गिरफ्तार कर ले.  उन्होंने ऐसा किया भी,  वह समर्थकों के साथ थाना पहुंच गए और पुलिस अधिकारियों से कहा कि वह कोई भगोड़ा नहीं है. 

सांसद -उनपर किये गए है 51 मुकदमे 
 
यहां के सांसद हैं, अगर वह कोई गलत काम किए हैं तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाए.  लेकिन पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार नहीं किया था.  सांसद  का आरोप था कि उनके खिलाफ अब तक बेवजह 5 1 मुकदमे दर्ज किए गए है.  अब वह चुप नहीं बैठेंगे, इसके खिलाफ वह विशेषाधिकार  हनन का प्रस्ताव लाएंगे और उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष को लिखित शिकायत की.  उस शिकायत के आधार पर झारखंड के अधिकारियों से  जवाब माँगा गया है.  
 नोटिस निर्गत किए जाने की पुष्टि सांसद निशिकांत दुबे ने अपने सोशल मीडिया एक्स  पर भी की है. 

रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो