टीएनपी डेस्क(TNP DESK): एक विधायक को उसके ही विधानसभा क्षेत्र में घुसने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. जी हां, आपने सही पढ़ा. और ये प्रतिबंध देश के सर्वोच्च न्यायालय ने लगाए हैं. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में ओडीशा के विधायक पीके जगदेव को रोड रेज मामले की सुनवाई हो रहा था. विधायक ने जमानत की अर्जी लगाई थी. जमानत देते हुए कोर्ट ने शर्त रखी कि एक साल तक न तो अपने निर्वाचन क्षेत्र चिल्का में एंट्री करेंगे और न ही सार्वजनिक रूप से कोई भाषण देंगे. सुप्रीम कोर्ट में विधायक की जमानत याचिका पर जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस विक्रम नाथ की बेंच सुनवाई कर रही थी. कोर्ट ने अपने 25 जुलाई के फैसले में जगदेव को सशर्त जमानत दे दी.
कोर्ट ने रखी ये शर्त
विधायक जगदेव पर आरोप है कि इस साल मार्च में वे अपनी एसयूवी को भीड़ में लेकर घुस गए थे. इससे दो लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे. इसमें 18 अन्य लोगों को भी चोट आई थी. इसकी सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने शर्त रखी कि चिल्का के विधायक जगदेव जिले के कलेक्टर से अनुमति लिए बिना एक साल के लिए अपने निर्वाचन क्षेत्र का दौरा नहीं करेंगे, एक साल तक वे किसी भी सार्वजनिक रैली या राजनीतिक सभा को संबोधित नहीं करेंगे, वे प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से किसी गवाह को प्रभावित नहीं करेंगे.
भीड़ में घुसा दी थी गाड़ी
गौरतलब हो कि इसी साल मार्च में चुनाव प्रचार के दौरान ओड़ीशा के खुर्दा में विधायक जगदेव और विपक्षी पार्टी के कार्यकर्ताओं के बीच नोकझोंक हो गई थी. इसके बाद कथित रूप से विधायक जगदेव ने कार्यकर्ताओं की भीड़ में अपनी कार घुसा दी. विधायक ने अपनी एसयूवी से कई लोगों को टक्कर मार थी, इसमें 20 लोग घायल हो गए थे. इससे भीड़ भड़क गई और भीड़ ने विधायक और उनके वाहन पर हमला कर दिया था.
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