टीएनपी डेस्क(TNP DESK): अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत में गिरावट का सिलसिला जारी है. गुरुवार को शुरुआती कारोबार के दौरान ब्रेंड क्रूड 96.36 डॉलर प्रति बरैल पर ट्रेंड कर रहा है. वहीं, डब्लयूटीआई क्रूड 90.47 डॉलर प्रति बैरल पर ट्रेंड कर रहा है. इस बीच पेट्रोलियम उत्पादक देशों के संगठन ओपेक ने सितंबर, 2022 से कच्चे तेल का उत्पादन बढ़ाने का फैसला किया है. ऐसे में पेट्रोल-डीजल के दाम में कटौती की उम्मीद बढ़ गई है.
एक्सपर्ट का मानना है कि लंबे समय से अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की ऊंची कीमत की वजह से पेट्रोल-डीजल के दाम में सार्वजनिक क्षेत्र की तेल एवं विपणन कंपनियों ने कोई बदलाव नहीं किया है. लेकिन, पिछले दो हफ्ते से ज्यादा समय से कच्चे तेल की कीमतों में जारी गिरावट से पेट्रोल-डीजल के दाम में कमी के आसार बढ़ गए हैं. दरअसल, पिछले दो माह से दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 96.72 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत 89.62 रुपये प्रति लीटर पर ठहरी हैं.
दरअसल, जियोपॉलिटिकल टेंशन के चलते अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल का डिमांड आउटलुक कमजोर है. वहीं, ओपेक के सितंबर से क्रूड का प्रोडक्शन बढ़ाने के फैसले और इसकी सप्लाई बढ़ने से क्रूड की कीमतों पर दबाव बढ़ गया है. ऐसे में निकट भविष्य में इसकी कीमत में और गिरावट आने की उम्मीद एक्सपर्ट कर रहे हैं.इसी के मद्देनजर घरेलू बाजार में पेट्रोल-डीजल के दाम में कटौती के आसार और बढ़ गए हैं.
उल्लेखनीय है कि ओपेक पेट्रोलियम उत्पादक 13 देशों का संगठन है. इसके सदस्यों में सऊदीअरब, अल्जीरिया, ईरान, ईराक, कुवैत, अंगोला, संयुक्त अरब अमीरात, नाइजीरिया, लीबिया तथा वेनेजुएला, गबोन, गिनी और कांगो शामिल हैं.
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