रांची (RANCHI) : विस्थापन राज्य के ज्वलंत मुद्दों में से एक है. साथ ही राज्य में विस्थापन का विषय वर्षों से सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक बहस का केंद्र रहा है. इसी कड़ी में आज राजधानी रांची स्थित अपने आवास पर कांग्रेस की राष्ट्रीय सचिव और बड़कागांव की पूर्व विधायक अंबा प्रसाद ने संवाददाता सम्मेलन के माध्यम से विस्थापन अनलीगल मीनिंग एवं पुनर्वास विषय पर अपनी बात को विस्तृत रूप से रखा है. 

पूर्व विधायक बड़कागांव ने विस्थापन विषय पर कहा कि झारखंड जल जंगल जमीन से परिपूर्ण है. झारखंड में प्राकृतिक संसाधन भरपूर है परंतु यह बहुत बड़ी विडंबना का विषय है कि इसी प्राकृतिक संसाधन के लूट के कारण अपने ही जगह से यहां के लोगों को बेदखल किया जा रहा है जो काफी गंभीर मसला है.

विस्थापितों को जबरन मजबूर किया जा रहा है कि वह अपने जगह को छोड़कर चले जाएं और ना ही उन्हें उचित मुआवजा दिया जा रहा है, ना ही पुनर्वास नीति अपनाई जा रही है कॉर्पोरेट माफिया हावी है.

साथ ही कुछ भ्रष्ट पत्ता अधिकारी इनके साथ गठजोड़ में शामिल हो गए हैं जिससे विस्थापितों के साथ और भी ज्यादा अन्याय हो रहा है और विस्थापितों की स्थिति बद से बत्तर होती जा रही है पुनर्वास नीति की अनदेखी हो रही है. जिस तरह से आरएफसीएटी एल.ए.आर.आर 2013 नियम, फॉरेस्ट राइट एक्ट का उल्लंघन, जंगल को डाइवर्ट किये जाने के विषय पर रोक लगना बेहद जरूरी है. पुनर्वास नीति का शक्ति से अनुपालन हो. इन विषयों के संबंधित पदाधिकारी धरातल पर इन विषयों का अनुपालन करें.