खूंटी(KHUNTI)- खूंटी में इन दिनों सड़क हादसे बढ़े हैं. हादसे के कारण दर्जनों लोग हर साल अपनों को खो देते हैं. सड़क हादसे को कम करने के लिए लगातार प्रयास भी हो रहा है. अब इसमें एक नई कड़ी जुड़ गई है. अब खूंटी ही नहीं देशभर में होने वाली सड़क दुर्घटनाओं पर केंद्र की सीधी नजर रहेगी. इन दुर्घटनाओं के वास्तविक कारणों का विश्लेषण कर आवश्यक सुधारात्मक उपाय करने का प्रयास किया जाएगा. दरअसल दुर्घटनाओं में नियंत्रण के लिए केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने राष्ट्रीय सूचना केंद्र NIC और IIT मद्रास के सहयोग से IRAD(इंटीग्रेटेड रोड एक्सीडेंट डेटाबेस) मोबाइल ऐप तैयार किया है. खूंटी में एक जनवरी से यह शुरू हो गया है. इसके अलावा झारखंड के अन्य जिलों में भी इस ऐप का इस्तेमाल शुरू कर डाटा अपलोड करने का काम जारी है.  

 एप की खासियत 

आईआरएडी ऐप के जरिए यह पता चलेगा कि सड़क दुर्घटनाएं क्यों हो रही है. किस इलाके में सबसे अधिक दुर्घटनाएं हो रही हैं. जिले में कितने ब्लैक स्पॉट हैं. ऐसी तमाम जानकारी ऐप के जरिए डेटाबेस तैयार होकर आईआईटी मद्रास के पास पहुंचेगा. सड़क हादसों का आईआईटी मद्रास के विशेषज्ञ द्वारा विश्लेषण किया जाएगा. उनके सुझाव के आधार पर पीडब्ल्यूडी एनएनएआईए परिवहन विभाग और अन्य संबंधित विभाग मिलकर सड़क का डिजाइन और दूसरी खामियों को दूर करने का काम करेंगे.

ऑन द स्पॉट होगी इंट्री

आईआरएडी ऐप के माध्यम से दुर्घटना स्थल से ही ऑन द स्पॉट इंट्री की जा सकेगी. मौके पर ही एक्सीडेंट का फोटो लेकर उससे जुड़े तथ्य, व्यक्तियों व वाहन आदि की जानकारी भरी जा सकती है.  इससे संबंधित ट्रेनिंग सूचना एवं विज्ञान पदाधिकारी रवि रंजन के दिशा निर्देश से डिस्ट्रिक्ट रोलआउट मैनेजर प्रेमजीत कुमार सिंह के द्वारा खूंटी के थाना टीओपी के पदाधिकारियों को दी जा रही है. डिस्ट्रिक्ट रोलआउट मैनेजर प्रेमजीत कुमार सिंह  ने बताया की फिल्ड ऑफिसर जैसे ही डिटेल डालेंगेए वह थाना प्रभारी लॉगिन में आ जाएगा. यहां से डीटीओ फिर एमवीआई लॉगिन में जाएगा. एमवीआई फिल्ड जांच कर लेंगे वे जैसे ही अपनी रिपोर्ट अपलोड करेंगे पुनः थाना प्रभारी के लॉगिन में चला जाएगा. सभी प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन रहेंगी.

इलाज में भी होगी आसानी

सड़क दुर्घटना होने पर अगर मौके पर पुलिस के पहुंचने से पहले ही किसी हॉस्पिटल में घायलों को ले जाया जाता है तो फौरन वहां इलाज शुरू हो जाएगा. दरअसल हेल्थ विभाग को भी इससे जोड़ा गया है.  सभी पीएचसी और सीएचसी को भी लॉगइन दिया गया है. ये अपने यहां भर्ती मरीज का डिटेल जैसे ही भरेंगे, संबंधित थाना प्रभारी को भी इसकी सूचना हो जाएगी. मतलब अब घायलों को इलाज मिलने में और आसानी होगी. जानकारी के अनुसार घायल का क्या इलाज हो रहा है, कौन-कौन सी दवा दी जा रही है इसका भी डिटेल अपलोड होता रहेगा.

रिपोर्ट: मुजफ्फर हुसैन, खूंटी