गुमला (GUMLA) - गुमला के बसिया प्रखंड के फरसवा गांव का वीर सपूत विजय सोरेंग पुलवामा में शहीद होकर ना केवल गुमला के लोगों को गर्व प्रदान किया बल्कि अपने माता पिता को भी देश के लिए एक सम्मानित दंपति बना दिया. उन्हीं के शहादत दिवस के अवसर पर उसके पैतृक गांव में एक कार्यक्रम में लोगों ने उसे याद किया. इस कार्यक्रम में सीआरपीएफ के पदाधिकारी के साथ ही जिला प्रशासन के पदाधिकारी और उसके परिवार के लोग शामिल हुए. 

कुम्हारी स्कूल में इस कार्यक्रम का आयोजन

कुम्हारी स्कूल में इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया जहां से विजय सोरेंग ने अपनी पढ़ाई की थी.  इस स्कूल में विजय शहादत के बाद उनकी प्रतिमा बनी है. उस प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें याद किया गया. इस मौके पर सीआरपीएफ 218 के डीसी रिंकी झा अपनी पूरी टीम के साथ मौजूद रहीं. उन्होंने कहा कि शहीद को सम्मान देने के लिए सरकार के निर्देश पर कार्यक्रम हो रहा है. वहीं इस दौरान परिवार के लोगों ने कहा कि सरकार की ओर से शहादत के बाद जो घोषणा हुई थी वह आज तक पूरी नहीं हो सकी है. इसके साथ ही शहीद के पिता और पत्नी को शाल ओढ़कर सम्मान दिया गया. 

विजय सोरेंग पूरे इलाके के लिए प्रेरणा स्रोत हैं 

इस अवसर पर बसिया के बीडीओ रविन्द्र गुप्ता ने कहा कि विजय सोरेंग आज पूरे इलाके के लिए प्रेरणा स्रोत हैं. जिला के नजारत उपसमाहर्ता शिद्धार्थ शंकर चौधरी ने कहा कि विजय सोरेन की शहादत ने पूरे गुमला जिला को गौरव प्रदान करने के साथ ही इस बात को प्रमाणित किया है कि गुमला की धरती वीर सपूतों की धरती है. जहां से ना केवल विजय सोरेंग जैसा वीर सपूत पैदा हुआ है बल्कि इसके पहले भी परमबीर अल्बर्ट एक्का व नयमन कुजूर जैसे देश भक्त हुए हैं. जो देश की सेवा के लिए ना केवल आर्मी में गए बल्कि भारत माता के लिए अपनी जान दे दी. सरकार के निर्देश पर शहीदों के सम्मान में हर वर्ष इस तरह का कार्यक्रम तो होता है लेकिन दुर्भाग्य है कि सरकार द्वारा की गई कई घोषणा आज तक पूरी नहीं हुई. 

रिपोर्ट : सुशील कुमार सिंह, गुमला