जमशेदपुर(JAMSHEDPUR)-राखी के इस प्यार को एक विश्वास के धागे में पिरोने का काम करते हुए महिलाओं को रोज़गार देने का काम कर रही है जमशेदपुर की एक महिला सीमा पांडे. ये समूह के साथ मिलकर भाई बहन के इस त्योहार के लिए राखी को रेशम की धागे में बंधने को लेकर गौ मूत्र से राखी बना रही है जिसकी मांग शहरों के दुकान में तो हैं ही साथ  इन महिलाओं के हाथों से बनी राखी बिक्री के लिए बंगाल की आर्मी कैंप में भी भेजा जा रहा है.

गौ मूत्र और गोबर से तैयार की जा रही राखी

शहर में महिला समूह के द्वारा कई ऐसी संस्था है जो महिलाओं को जोड़ कर  हर क्षेत्र में कार्य करती है वही एक ऐसी संस्था है जो महिलाओं को इस कोरोना की  महामारी में महिलाओं को राखी बनाने का कार्य देकर समाज में एक पहचान बना रही है. एक तरफ कोरोना में कई परिवार की रोजगार छीन गया, जिससे कई परिवार को भारी नुकसान उठाना पड़ा है. इसको देखते हुए आदित्यपुर की रहने वाली सीमा पांडे अपने साथ और 20 महिलाओं को  जोड़कर राखी बनाने के काम के माध्यम से रोजगार दे रही है. इनके द्वारा बनाई राखी की डिमांड सिर्फ शहर की दुकानों में नहीं बल्कि बंगाल और ओड़िसा में भी हो रही है. महिलाओं द्वारा बनाई जा रही राखी शुद्ध गौ मूत्र और गोबर से तैयार की जा रही है. महिलाएं प्रति दिन 250 राखी बना रही हैं. जो शहर के दुकानों के साथ-साथ बंगाल और ओड़िसा के आर्मी कैंप भी भेजा जा रहा है. इस राखी की बढती डिमांड के कारण इसकी शुद्धता है. साथ ही अगर इसे किसी मिट्टी के गाड़ दिया जाए तो उसमें से एक पौधा उग जायेगा जिससे वातावरण भी  शुद्ध रहेगा और पौधा भाई बहन के इस यादगार पल की निशानी बन जाएगा.

                                                                                   इको-फ्रेंडली राखी बनाती महिलाएं

महिलाओं को मिला रोज़गार का ज़रिया

वहीं इस समूह से जुड़ी महिलाओं का कहना है कि कोरोना काल के वजह से सभी महिलाओं का रोज़गार छुट चुका था. ऐसे में सीमा  के द्वारा उन्हें राखी बनाने का काम मिला है. जो कि उनके लिए काफी मददगार साबित हो रहा हैं.

रिपोर्ट:पीयूष,जमशेदपुर

 

रेशम और गौ मूत्र से राकी बनाती जमशेदपुर की महिलाएं